Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी ई-टैक्सी योजना बेरोजगार युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है।राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत शुरू की गई इस पहल का मकसद युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध करवाना और राज्य को हरित विकास की ओर ले जाना है।इस योजना के तहत टैक्सी खरीदने पर युवाओं को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है।लगभग 40 प्रतिशत राशि बैंक लोन से मिलती है जबकि केवल 10 प्रतिशत हिस्सा लाभार्थी को स्वयं वहन करना पड़ता है।
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ई-टैक्सी योजना ने युवाओं के सपनों को दिए पंख
राज्य की कांग्रेस सरकार इन टैक्सियों को विभिन्न सरकारी विभागों के साथ अटैच कर रही है,जिससे युवाओं को प्रति माह 50 से 60 हजार रुपये तक की सुनिश्चित आय हो रही है।वहीं धर्मशाला के क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी अक्षय कुमार ने बताया कि,कम परिचालन खर्च और पर्यावरण हितैषी तकनीक के कारण यह योजना तेजी से लोकप्रिय हो रही है।उन्होंने कहा कि,ई-टैक्सी रोजगार के नए अवसर देने के साथ-साथ प्रदूषण घटाने में भी सहायक है।
कांगड़ा में 6 युवाओं को मिली ई-टैक्सी
रोजगार अधिकारी ने जानकार देते हुए बताया कि,कांगड़ा जिले में अब तक 6 युवाओं को ई-टैक्सी दी जा चुकी है।देहरा विधानसभा क्षेत्र के लाभार्थी अमन कुमार का कहना है कि,11 लाख 50 हजार की टैक्सी पर उन्हें 5 लाख 57 हजार रुपये की सब्सिडी मिली और अब वह हर महीने करीब 50 हजार रुपये कमा रहे हैं।
सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी
नूरपुर से लाभार्थी राकेश कुमार ने बताया 13.50 लाख की टैक्सी पर उन्हें 6.50 लाख की सब्सिडी प्राप्त हुई और उनकी गाड़ी जल शक्ति विभाग से जुड़ने के बाद स्थायी आमदनी हो रही है।एक अन्य लाभार्थी का कहना है कि,उनकी ई-टैक्सी एक्साइज विभाग से अटैच है और उन्हें हर महीने 50 हजार रुपये की आय मिल रही है।उन्होंने कहा,स्वरोजगार और हरित विकास का संगम बनी यह योजना युवाओं के लिए नई उम्मीदें लेकर आई है।इससे न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है बल्कि हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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