Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून अपने पूरे कहर के साथ आया है। लाहौल-स्पीति जिले के शिंकुला, बारालाचा और तंगलंगला दर्रों में शुक्रवार को जुलाई महीने की तीसरी बर्फबारी दर्ज की गई। इससे पहले जुलाई के पहले और दूसरे हफ्ते में भी हल्की बर्फबारी हुई थी। आमतौर पर जुलाई में बर्फबारी का नजारा दुर्लभ होता है, लेकिन इस बार हालात कुछ अलग हैं।
बारिश से बिगड़े हालात

Himachal के कई जिलों में भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मंडी, शिमला, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और चंबा जैसे इलाकों में तेज बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। इससे प्रदेशभर में लगभग 250 सड़कें बाधित हो चुकी हैं। मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 182 सड़कें बंद हैं। सिरमौर में 26, कुल्लू में 23, कांगड़ा में 10, सोलन में 6, ऊना में 3 और चंबा में 2 सड़कें प्रभावित हैं।
जल जीवन मिशन को भी झटका
भारी बारिश और भूस्खलन के चलते जलशक्ति विभाग की 137 पेयजल योजनाएं बंद हो चुकी हैं। अकेले मंडी जिले में 113 योजनाएं और कांगड़ा में 18 पेयजल परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। इससे हजारों लोगों को पीने के पानी की भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
अगले तीन दिन भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए बताया कि 21 से 23 जुलाई के बीच कांगड़ा, मंडी, सोलन, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इन इलाकों में लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है। वहीं, 19 और 20 जुलाई को मानसून थोड़ी राहत देगा, लेकिन कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है। इस बीच, अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) की भी चेतावनी जारी की गई है।
अनुमानित नुकसान
हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुसार, इस मानसून सीजन में राज्य को अब तक करीब 1221 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग (PWD) को हुआ है, जिसकी अनुमानित राशि 546 करोड़ रुपये है। जलशक्ति विभाग को 434 करोड़, जबकि कृषि और बागवानी क्षेत्र को 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
112 लोगों की मौत
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, 20 जून से 17 जुलाई के बीच भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में कुल 112 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 67 लोगों की मौत सीधे बारिश और भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं में हुई है, जबकि 45 लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार बने हैं।


