Holi 2025: होली, हिंदू धर्म के सबसे बड़े और रंगों से भरपूर पर्वों में से एक है। यह हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो दिवाली के बाद आता है। होली सिर्फ रंगों से खेलने का त्योहार नहीं है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत और आत्मिक शुद्धता का प्रतीक भी है। इस दिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है, जो हमारे जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि लाता है।
होली पर दान करना है शुभ

होली के दिन दान-पुण्य का महत्व बहुत बढ़ जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन गेहूं, तांबा, चांदी, गुलाल, होली के रंगों के साथ-साथ अन्न-धन का दान करना बहुत शुभ होता है। हिंदू धर्म में दान को एक पवित्र कार्य माना जाता है, और होली के दिन यह कार्य विशेष रूप से फलदायी होता है। कहते हैं कि इस दिन पूजा-पाठ करने के साथ-साथ अपनी सामर्थ्यानुसार दान करना चाहिए, इससे घर में खुशियां आती हैं और जीवन में बरकत बनी रहती है।
हिंदू धर्म में दान का महत्व
हिंदू धर्म में दान का विशेष स्थान है। यह सभी बड़े धार्मिक आयोजनों का अहम हिस्सा माना जाता है। होली के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को उनके आवश्यक सामान का दान करना न केवल पुण्य प्रदान करता है, बल्कि समाज में भी सामूहिक खुशी का वातावरण बनाता है। इस दिन का दान-पुण्य करने से न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि व्यक्ति का जीवन भी समृद्ध होता है।
होली 2025 का मुहूर्त और चंद्र ग्रहण का प्रभाव

हिंदू पंचांग के अनुसार, होली का पर्व इस वर्ष 14 मार्च को मनाया जाएगा। फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि का आरंभ सुबह 10 बजकर 35 मिनट से होगा और इसका समापन 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगा। इसलिए, इस साल होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा। यह दिन खास है क्योंकि उसी दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगेगा। यह ग्रहण सुबह 09 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान रखें सावधानी
चंद्र ग्रहण के समय कई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी मांगलिक कार्य को करना निषेध होता है। इस दौरान कोई नया कार्य शुरू करने से बचना चाहिए, खासकर शादी, गृह प्रवेश, या अन्य शुभ कार्यों से जुड़ी गतिविधियों को टालना चाहिए। हालांकि, चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इस समय विशेष रूप से ध्यान और मंत्र जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
इस होली के दिन रंगों और खुशियों के साथ-साथ दान-पुण्य और पूजा का भी विशेष महत्व है। साथ ही, चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ खास धार्मिक सावधानियों का पालन करना चाहिए। अगर हम इस पर्व को सही तरीके से मनाएं, तो न केवल हमारे जीवन में सुख और समृद्धि आएगी, बल्कि हम समाज में भी एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।