Holi 2026 Date and Holika Dahan Muhurat in Hindi:होली भारत का एक प्रमुख और लोकप्रिय त्योहार है, जो हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह पर्व न केवल हिंदू धर्म का हिस्सा है बल्कि भारतीय संस्कृति की विविधता और जीवंतता को भी दर्शाता है। इसे रंगों की होली, धुलंडी, रंगोत्सव आदि नामों से भी जाना जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे पर रंग-गुलाल डालते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयों का आनंद लेते हैं।
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2026 में कब है होली?

साल 2026 में होली का त्योहार बुधवार, 4 मार्च 2026 को मनाया जाएगा। इस दिन देशभर में रंगों से भरे कार्यक्रम, होली गीत, नृत्य और हंसी-मजाक का माहौल होगा।
होलिका दहन 2026 कब है?
होलिका दहन, जिसे छोटी होली भी कहा जाता है, होली से एक दिन पहले यानी मंगलवार, 3 मार्च 2026 को किया जाएगा। यह अनुष्ठान बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसे सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में किया जाता है।
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होलिका दहन 2026 का मुहूर्त
- होलिका दहन पूजा का समय: शाम 06:27 PM से रात 08:49 PM तक
- प्रदोष काल: शाम 06:17 PM से रात 08:41 PM
- होलिका दहन की मुख्य अवधि: शाम 06:27 PM से रात 08:55 PM के बीच
- इस समय में होलिका की पूजा और अग्नि प्रज्ज्वलन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि और समय
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 2 मार्च 2026, शाम 05:55 PM
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 3 मार्च 2026, शाम 05:07 PM
होलाष्टक का महत्व

होलाष्टक फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक की अवधि होती है, जिसमें किसी भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि को वर्जित माना जाता है। यह माना जाता है कि इस अवधि में शुभ कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं।होलाष्टक की समाप्ति के बाद, यानी होलिका दहन के साथ, शुभ कार्यों की फिर से शुरुआत मानी जाती है।
धार्मिक मान्यता और भद्रा का प्रभाव
होलिका दहन का आयोजन तभी किया जाता है जब पूर्णिमा तिथि प्रदोष काल में विद्यमान हो और उस समय भद्रा (Bhadra) का प्रभाव न हो। यदि भद्रा का संयोग पूर्णिमा तिथि के पूर्वार्ध में हो तो उस समय होलिका दहन वर्जित होता है। इसलिए पंचांग देखकर ही शुभ मुहूर्त में दहन करना चाहिए।

