Former PM Manmohan Singh death: भारत के 2 बार प्रधानमंत्री रहें डॉ मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का गुरुवार रात को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया सांस लेने में तकलीफ के बाद उनको एम्स अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड में एडमिट कराया गया जहां 92 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली।पूर्व प्रधानमंत्री के निधन की खबर पर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई कांग्रेस पार्टी की बेलगावी में होने वाली रैली को भी स्थगित कर दिया गया और पूर्व पीएम के निधन की खबर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत तमाम कांग्रेस नेता कर्नाटक से दिल्ली के लिए देर रात को रवाना हो गए।
पूर्व पीएम को PM मोदी ने अर्पित की श्रद्धांजलि

पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने आज पीएम नरेंद्र मोदी उनके दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत तमाम बड़े नेताओं ने डॉ.मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार शनिवार को दिल्ली के राजघाट पर होगा इससे पहले पूर्व पीएम के पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय उनके अंतिम दर्शन के लिए ले जाया जाएगा जहां कांग्रेस नेताओं समेत पार्टी कार्यकर्ता उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
भारत के पंजाब प्रांत (वर्तमान में पाकिस्तान) में जन्मे मनमोहन सिंह

डॉ.मनमोहन सिंह के व्यक्तित्व को लेकर ऐसी तमाम बातें है जिनकी चर्चा आज उनके सभी करीबी कर रहे हैं जिन लोगों को पूर्व पीएम के साथ नजदीकी से काम करने का मौका मिला और उनके जीवन को जिन लोगों ने बेहद करीबी से देखा सभी का कहना है कि,उनका व्यक्तित्व प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने के बाद भी बेहद शांत और शालीन रहा।डॉ.मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1931 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत (वर्तमान के पाकिस्तान) में हुआ था।
2008 में मुंबई आतंकी हमले से खासा नाराज हुए थे पूर्व PM

2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहें डॉ.मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के कार्यकाल की कई उपलब्धियां रहीं लेकिन उनके प्रधानमंत्री रहते हुए भारत के पाकिस्तान के साथ रिश्तों में कभी मधुरता नहीं आई।पूर्व डिप्टी एनएसए और मनमोहन सिंह के करीबी पंकज सरन बताते हैं,ऐसा नहीं है कि,मनमोहन सिंह ने कभी पाकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने का प्रयास नहीं किया उन्होंने पाकिस्तान के रिश्तों को सामान्य करने की भरसक कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
पूर्व डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पंकज सरन पूर्व पीएम के साथ अपने कार्यकाल को याद करते हुए बताते हैं,पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने का पूर्व पीएम ने भरसक कोशिश की लेकिन ये काम नहीं आया इससे वो काफी निराश भी हुए।साल 2008 में जब मुंबई में आतंकी हमला हुआ तो इस हमले से उन्हें काफी झटका लगा इसको लेकर वह काफी नाराज भी हुए थे।