Human Tragedy Nagpur: महाराष्ट्र के नागपुर जिले से एक ऐसी मार्मिक घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। एक सड़क हादसे में पत्नी की मौत के बाद जब किसी ने मदद नहीं की, तो पति ने मजबूरी में शव को बाइक पर बांधकर अपने गांव तक ले जाने का फैसला लिया। यह दिल को झकझोर देने वाला दृश्य नागपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे पर देखने को मिला। घटना रविवार 10 अगस्त को देवलापार थाना क्षेत्र के मोरफटा इलाके में हुई। अमित यादव और उनकी पत्नी ग्यारसी यादव मोटरसाइकिल से रक्षाबंधन मनाने मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के करणपुर जा रहे थे। रास्ते में एक तेज़ रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से ग्यारसी की मौके पर ही मौत हो गई।
मदद मांगने पर भी नहीं रुकी कोई गाड़ी
हादसे के बाद अमित ने हाईवे पर गुजरने वाले वाहनों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने रुकने या सहायता देने की जहमत नहीं उठाई। घंटों तक इंतजार करने के बाद निराश और आहत अमित ने अपनी पत्नी के शव को बाइक पर बांधा और सिवनी के अपने गांव की ओर निकल पड़े।अमित ने बताया कि न तो कोई एंबुलेंस उपलब्ध थी, न ही किसी स्थानीय अधिकारी या राहगीर ने मदद की। मजबूरन, उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। रास्ते में कुछ लोगों ने जब उन्हें शव ले जाते देखा, तो रुकने की कोशिश की, लेकिन पहले मिल चुकी उपेक्षा के कारण वह डर के मारे किसी की बात मानने को तैयार नहीं हुए।जब अमित नागपुर-जबलपुर हाईवे पर शव को लेकर जा रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें रोका। ग्यारसी के शव को कब्जे में लेकर नागपुर के मेयो अस्पताल भेजा गया, जहां पोस्टमार्टम किया गया।
सामाजिक संवेदनहीनता पर उठे सवाल
इस घटना ने न सिर्फ सरकारी तंत्र बल्कि समाज की संवेदनशीलता पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर समय पर मदद मिल जाती या कोई एंबुलेंस सेवा उपलब्ध होती, तो अमित को अपनी मृत पत्नी को इस तरह ले जाने की मजबूरी नहीं होती। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना को लेकर प्रशासन की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने मांग की है कि ऐसे आपातकालीन मामलों में तुरंत सहायता देने की व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में किसी को इस तरह की शर्मिंदगी और पीड़ा से न गुजरना पड़े।
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