Nobel Prize 2025: विश्व साहित्य में एक बड़ा सम्मान भारत के करीबी पड़ोसी हंगरी को मिला है। हंगरी के प्रसिद्ध लेखक लास्जलो क्रास्नाहोरकाई को 2025 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के साथ 10 करोड़ रुपये (लगभग) की राशि और गोल्ड मेडल से नवाजा जाएगा। क्रास्नाहोरकाई की रचनाएं अपने जटिल, गहरे और दार्शनिक कथानकों के लिए जानी जाती हैं। उनके लेखन में मानव अस्तित्व की विसंगतियों, समाज की जटिलताओं और आधुनिक दुनिया के संकटों को बारीकी से पेश किया गया है।
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The 2025 #NobelPrize in Literature is awarded to the Hungarian author László Krasznahorkai “for his compelling and visionary oeuvre that, in the midst of apocalyptic terror, reaffirms the power of art.” pic.twitter.com/vVaW1zkWPS
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 9, 2025
भारतीय मूल के सलमान रुश्दी चूके
साहित्य की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी का नाम भी चर्चा में था। लेकिन इस बार नोबेल साहित्य पुरस्कार उनकी झोली में नहीं गया। रुश्दी ने पिछले दशकों में विश्व साहित्य को अपनी बहुचर्चित कृतियों से समृद्ध किया है, लेकिन इस बार यह सम्मान उनके हाथ नहीं आया।
पुरस्कार की खासियत
नोबेल पुरस्कार के साथ विजेता को बड़ी धनराशि, गोल्ड मेडल और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त होती है। साहित्य के क्षेत्र में यह सम्मान लेखक के जीवन और कृतित्व का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है।लास्जलो क्रास्नाहोरकाई हंगरी के सबसे प्रभावशाली समकालीन लेखकों में से एक हैं। उनकी प्रमुख रचनाओं में “Satantango”, “War and War” और “Seiobo There Below” शामिल हैं। उनका साहित्यिक सफर उनके गहन विचार और अनूठी शैली के कारण विश्वभर में सराहा गया है।इस वर्ष के नोबेल साहित्य पुरस्कार से हंगरी का नाम विश्व साहित्य के मानचित्र पर और भी चमक उठा है। वहीं, सलमान रुश्दी जैसे भारतीय मूल के लेखकों के लिए यह एक चुनौती भी है कि वे और भी उत्कृष्ट कृतियाँ प्रस्तुत करें।
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