UP News: उत्तर प्रदेश इन दिनों पोस्टर वॉर के चलते चर्चा में बना हुआ है। ‘I Love Mohammad’ पोस्टर्स से शुरू हुआ विवाद अब ‘I Love Mahadev’ के पोस्टरों तक पहुंच गया है। यह मामला कानपुर से शुरू होकर अब वाराणसी और अन्य शहरों तक फैल चुका है, जिससे राज्य का सामाजिक और धार्मिक माहौल गरमा गया है।
‘I Love Mahadev’ पर संत समाज एकजुट
आज वाराणसी में संत समाज एकजुट होकर ‘I Love Mahadev’ पोस्टर्स के द्वारा अपना जवाब दिया। जगद्गुरु शंकराचार्य नरेंद्रानंद की अगुवाई में संतों ने मठों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर महादेव के पोस्टर लगाए। उनका कहना था कि संत समाज अब ‘सनातन सेना’ के माध्यम से कट्टरपंथियों को जवाब देगा और सनातन धर्म की गरिमा की रक्षा करेगा।
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?

बता दें कि यह पूरा विवाद कानपुर में बारावफात के जुलूस से शुरू हुई थी। बिना प्रशासनिक अनुमति के निकाले गए इस जुलूस में ‘I Love Mohammad’ का पोस्टर एक टेंट पर लगाया गया था। जब दूसरे पक्ष ने इस टेंट और पोस्टर पर आपत्ति जताई, तो पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए टेंट हटवा दिया। इसी के साथ पोस्टर भी हटा दिया गया।
15 अज्ञात पर FIR दर्ज
पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से नाराज़ भीड़ ने आगे बढ़ते हुए दूसरे पक्ष के कुछ धार्मिक पोस्टरों को फाड़ दिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 9 नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की। लेकिन बाद में पुलिस ने यह स्पष्ट किया कि FIR पोस्टर के लिए नहीं, बल्कि भीड़ द्वारा किए गए उत्पात के लिए दर्ज की गई थी।
राजनीतिक बयानबाजी से बढ़ा मामला
4 सितंबर को हुए इस विवाद के बाद स्थिति कुछ सामान्य होने लगी थी, लेकिन राजनीतिक दलों की बयानबाजी ने इस मामले को बढ़ा दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि यह विवाद कानपुर से निकलकर वाराणसी, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा समेत अन्य शहरों तक फैल गया। साथ ही इसका असर राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी दिखने लगा।

