I Love Muhammad: आस्था की आज़ादी या सियासी साज़िश? एक क्लिक में पढ़ें “I LOVE MUHAMMAD” विवाद की पूरी कहानी…

Neha Mishra
I Love Muhammad
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I Love Muhammad: कानपुर में लगाए गए “I LOVE MUHAMMAD” पोस्टर से शुरू हुआ विवाद अब कई शहरों तक फैल चुका है। इस विवाद ने न सिर्फ सड़कों पर तनाव पैदा किया बल्कि आस्था, कानून और राजनीति के बीच एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया हैक्या यह मामला धार्मिक स्वतंत्रता का है या फिर इसके पीछे कोई गहरी साज़िश छुपी है?

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कानपुर से शुरुआत

4 सितंबर को कानपुर में एक पोस्टर लगाया गया जिस पर लिखा था—“I LOVE MUHAMMAD”। हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया और पुलिस ने 25 युवकों पर केस दर्ज किया। इसके बाद मुस्लिम समाज नाराज़ हो गया और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इन प्रदर्शनों में कई जगह कानून-व्यवस्था बिगड़ी, पथराव, पुलिस से झड़प और यहां तक कि हिंसक नारे भी सुनाई दिए।

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काशीपुर: अचानक बेकाबू हुआ माहौल

काशीपुर: अचानक बेकाबू हुआ माहौल
काशीपुर: अचानक बेकाबू हुआ माहौल

उत्तराखंड के काशीपुर में हालात अचानक बिगड़ गए। बिना अनुमति निकाले गए जुलूस में हजारों लोग शामिल हो गए। लोग “I LOVE MUHAMMAD” लिखी तख्तियां लेकर निकले और माहौल गरम हो गया। पुलिस ने जब रोकने की कोशिश की तो पथराव और हाथापाई हुई। सरकारी वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया। इसके बाद धामी सरकार ने अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोज़र कार्रवाई की।

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महाराष्ट्र के लातूर की बड़ी रैली

महाराष्ट्र के लातूर से अलग ही तस्वीर सामने आई। यहां मुस्लिम समुदाय ने “I LOVE MUHAMMAD” के नारे लगाते हुए विशाल रैली निकाली। हजारों की भीड़ देखते ही देखते लाखों में बदल गई। रैली में शांति रही लेकिन भीड़ के बीच “यूपी सरकार मुर्दाबाद” जैसे नारे लगे। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे जिससे कोई हिंसा नहीं हुई, लेकिन माहौल गर्म जरूर रहा।

उन्नाव में ‘सर तन से जुदा’ के नारे

उन्नाव में ‘सर तन से जुदा’ के नारे
उन्नाव में ‘सर तन से जुदा’ के नारे

यूपी के उन्नाव में मामला और संवेदनशील हो गया। यहां एक जुलूस के दौरान धार्मिक नारेबाज़ी हुई और “सर तन से जुदा” जैसे विवादित नारे लगाए गए। पुलिस और लोगों के बीच टकराव बढ़ा तो लाठीचार्ज करना पड़ा। इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया और बाद में शहर के काजी ने अपील की कि लोग कानून का पालन करें और जुलूस न निकालें।

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तीन पक्षों की दलीलें

इस पूरे विवाद में तीन अलग-अलग पक्ष सामने आए हैं

मुस्लिम समुदाय: उनका कहना है कि “I LOVE MOHAMMAD हमारी आस्था है, अपराध नहीं।”

हिंदू संगठन: उनका आरोप है कि “बैनर लगाकर माहौल बिगाड़ने और उकसाने की कोशिश की गई।”

पुलिस प्रशासन: उनका तर्क है कि “सड़क सबकी है, जुलूस और पोस्टर के लिए अनुमति जरूरी है।”

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I LOVE MUHAMMAD कहना कोई जुर्म नहीं”- AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी 

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कानपुर के ADG को टैग करते हुए लिखा कि “I LOVE MOHAMMAD कहना कोई जुर्म नहीं। अगर है तो इसकी हर सज़ा मंजूर है।” वहीं, सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 25-26 धार्मिक स्वतंत्रता देता है, लेकिन “आज मोहम्मद से मोहब्बत का इज़हार करने वालों को जेल में डाला जा रहा है।”

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