I Love Muhammad:“आई लव मोहम्मद” विवाद केवल कानपुर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने पूरे प्रदेश और अन्य राज्यों में भी हलचल मचा दी है। लखनऊ में महिलाओं का प्रदर्शन और पश्चिमी यूपी में हाई अलर्ट इस बात का संकेत है कि प्रशासन इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से ले रहा है। सोशल मीडिया, धार्मिक स्थल और संवेदनशील इलाकों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति को रोका जा सके। यह मामला धीरे-धीरे लखनऊ, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे राज्यों में भी चर्चा का विषय बन गया है। इस विवाद ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है और हालात को देखते हुए कई इलाकों में पुलिस ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।
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कानपुर से लखनऊ तक विवाद की चिंगारी

कानपुर में एक बारात के दौरान “आई लव मोहम्मद” लिखे बैनर का इस्तेमाल किया गया था, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया। इस घटना ने माहौल को संवेदनशील बना दिया और देखते ही देखते यह मामला लखनऊ तक पहुँच गया। लखनऊ में महिलाओं ने इस मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन किया।आम आदमी पार्टी की नेता इरम रिज़वी के नेतृत्व में महिलाओं ने अलमास कॉलोनी से छोटा इमामबाड़ा तक पैदल मार्च निकालने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने “मेरे नबी का नाम रहेगा जब तक सूरज चाँद रहेगा” जैसे नारे लगाए। हालांकि, पुलिस ने महिलाओं को बीच रास्ते में रोककर समझाया और उन्हें वापस भेज दिया।
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पश्चिमी यूपी में हाई अलर्ट
इस विवाद के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। मेरठ के एडीजी जोन भानु भास्कर ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि “आई लव मोहम्मद” नाम से कैंपेन चलाकर माहौल बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पश्चिमी यूपी को सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है, इसलिए बॉर्डर सील कर चेकिंग अभियान तेज़ कर दिए गए हैं। अर्धसैनिक बलों के साथ पुलिस फोर्स को सड़कों पर उतारा गया है। इसके अलावा जिलों में फ्लैग मार्च भी निकाले जा रहे हैं ताकि माहौल शांत रहे।
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सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी

एडीजी ने सोशल मीडिया पर अफवाह और भीड़ जुटाने की गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष टीमें बनाई हैं। व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म पर फैल रही अफवाहों और पोस्ट पर निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि किसी भी इनपुट को हल्के में न लें और तुरंत जोन कार्यालय को सूचना दें।
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धार्मिक स्थलों पर चौकसी
संवेदनशील इलाकों के धार्मिक स्थलों पर पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है। प्रशासन को आशंका है कि असामाजिक तत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए रात में गश्त और चौकसी को भी तेज़ किया गया है। एलआईयू और इंटेलिजेंस टीमों को एक्टिव मोड पर रखा गया है ताकि समय रहते कोई भी स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
भ्रामक सूचनाओं पर चेतावनी
एडीजी मेरठ जोन भानु भास्कर ने साफ कहा है कि कोई भी व्यक्ति धार्मिक भावनाओं को भड़काने या गलत तथ्यों से जनता को गुमराह करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि भ्रामक सूचनाओं और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर विश्वास न करें। केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें और किसी भी तरह की संदिग्ध सूचना तुरंत पुलिस के साथ साझा करें।
