IAS Divya Mittal का वीडियो वायरल, देवरिया में लेखपाल पर हुई कड़ी कार्रवाई

Chandan Das

IAS Divya Mittal : उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की तेज-तर्रार जिलाधिकारी (DM) दिव्या मित्तल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे कानूनगो और लेखपाल को जमकर फटकार लगाती नजर आ रही हैं। वीडियो में डीएम मित्तल अधिकारियों को निलंबन और जेल भेजने तक की चेतावनी देती हैं। यह मामला सलेमपुर तहसील के भीमपुर गांव से जुड़ा है, जहां ग्राम प्रधान की शिकायत पर समाधान दिवस के दौरान यह कार्रवाई की गई।

ग्राम प्रधान की शिकायत के बाद भड़कीं डीएम

दरअसल, भीमपुर गांव के ग्राम प्रधान धनंजय यादव ने 15 जून को तहसील में एक प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की थी कि गांव की ग्राम सभा की जमीन पर अवैध कब्जा हो रहा है और सड़क का सीमांकन भी नहीं हो पाया है। हालांकि इस शिकायत पर किसी भी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद 5 जुलाई को गांव में समाधान दिवस आयोजित हुआ, जहां प्रधान ने एक बार फिर डीएम दिव्या मित्तल के सामने इस मुद्दे को उठाया।

शिकायत सुनते ही डीएम ने ही कार्रवाई शुरू कर दी। वहां मौजूद लेखपाल तारीख घुमा रहे थे, जिससे डीएम नाराज़ हो गईं। उन्होंने नाराज़गी में कहा, “तमाशा बना के रखा है… कल की तारीख अभी डाल रहे हो? सच में जेल भेज दूंगी आप लोगों को।” उन्होंने SDM और तहसीलदार को निर्देश दिए कि वे मामले की जांच करें और दो दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपें।

लेखपाल सुभाष गौंड निलंबित

इस पूरे मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। डीएम दिव्या मित्तल के स्पष्ट निर्देश के बाद, एसडीएम ने लेखपाल सुभाष गौंड को निलंबित कर दिया है। डीएम ने साफ कहा था कि अगर इस तरह की लापरवाही दोबारा हुई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अब प्रशासन ने लेखपाल को सस्पेंड कर दिया है, जिससे यह संदेश गया है कि जनहित के मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डीएम दिव्या मित्तल की हो रही तारीफ

डीएम दिव्या मित्तल का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोगों ने उनकी तेज कार्रवाई, निष्पक्षता और ईमानदारी की खूब तारीफ की है। कई यूज़र्स ने लिखा कि “ऐसे अफसर ही प्रशासन में बदलाव ला सकते हैं।” जनता के बीच उनकी छवि एक सख्त लेकिन न्यायप्रिय अधिकारी की बन रही है। दिव्या मित्तल का यह एक्शन न केवल प्रशासनिक ढिलाई पर सख्त संदेश देता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि समाधान दिवस केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता की वास्तविक समस्याओं का समाधान हो सकता है – अगर अधिकारी ज़िम्मेदारी से काम करें।

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