IAS Santosh Verma Row: उत्तर प्रदेश के शामली जिले में ब्राह्मण समाज के लोगों ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। भीड़ ने कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्र होकर अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा और वर्मा को उनके पद से तत्काल हटाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वर्मा के हालिया बयान ने न केवल ब्राह्मण समाज, बल्कि पूरे समाज की महिलाओं की गरिमा को आहत किया है।
IAS Santosh Verma Row: ब्राह्मण महिलाओं पर विवादित टिप्पणी से भड़का आक्रोश
विरोध का कारण मध्य प्रदेश cadre के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा का वह बयान है, जो आरक्षण व्यवस्था और क्रीमी लेयर पर चल रही बहस के दौरान सामने आया। वर्मा ने कहा था, “जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनाता, तब तक आरक्षण समाप्त नहीं होना चाहिए।” इस वक्तव्य को आरक्षण को जातिगत विवाह संबंधों से जोड़ने और ब्राह्मण महिलाओं को अपमानजनक ढंग से प्रस्तुत करने वाला बताया जा रहा है। समाज ने इस टिप्पणी को अत्यंत अनुचित, अशोभनीय और सामाजिक सद्भाव के खिलाफ करार दिया है।
IAS Santosh Verma Row: टिप्पणी को महिलाओं की गरिमा पर हमला बताया
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि संतोष वर्मा ने अपने बयान में जिस प्रकार ब्राह्मण समाज की महिलाओं का उल्लेख किया, वह न केवल भेदभावपूर्ण है बल्कि महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा को भी ठेस पहुंचाता है। कई संगठनों ने कहा कि किसी भी प्रशासनिक अधिकारी से उम्मीद की जाती है कि वह समाज को जोड़ने वाले शब्द बोले, लेकिन वर्मा ने अपनी स्थिति और प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया। उनका कहना है कि ऐसी सोच वाला अधिकारी समाज में कटुता और तनाव पैदा कर सकता है, इसलिए उसे पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
संतोष वर्मा के पूर्व विवाद भी आए चर्चा में
प्रदर्शन के दौरान कई लोगों ने आरोप लगाया कि आईएएस संतोष वर्मा इससे पहले भी विवादों में घिरे रहे हैं। कुछ प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि वर्मा पूर्व में भी अनुशासनहीनता और अनियमितताओं के मामले में सजा भुगत चुके हैं, जिससे उनके चरित्र और प्रशासनिक दृष्टिकोण पर सवाल खड़े होते हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्मा की पिछली गतिविधियों को देखते हुए उनके वर्तमान बयान को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
कलेक्ट्रेट पर लगे नारे, कार्रवाई की मांग तेज
कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने “संतोष वर्मा मुर्दाबाद” और “ब्राह्मण समाज का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” जैसे नारे लगाए। कई वक्ताओं ने कहा कि सिर्फ माफी मांगने से काम नहीं चलेगा, बल्कि अधिकारी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार इस मामले का संज्ञान लेकर तत्काल उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करे।
ज्ञापन में की गई कड़ी कार्रवाई की सिफारिश
ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने जिला अधिकारियों को सौंपे गए ज्ञापन में मांग की कि आईएएस अधिकारी को तुरंत पद से हटाया जाए ताकि निष्पक्ष जांच संभव हो सके। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाया, तो विरोध और बड़ा होगा और राज्यव्यापी आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि संतोष वर्मा के बयान से जातियों के बीच अविश्वास बढ़ सकता है, जिसे रोकना सरकार की जिम्मेदारी है।
समाज ने प्रशासन से की संवेदनशीलता बरतने की अपील
अंत में, समाज के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को ऐसे विषयों पर बोलते समय अत्यधिक सावधानी रखनी चाहिए, क्योंकि उनका हर शब्द समाज पर गहरा प्रभाव डालता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी और ऐसे बयान भविष्य में किसी भी स्तर पर प्रोत्साहित नहीं किए जाएंगे।
Read more : Lucknow News: यूथ कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर बोला धावा, बैरिकेडिंग पर चढ़कर किया प्रदर्शन
