Sonam Wangchuk Controversy: पर्यावरण कार्यकर्ता और लद्दाख आंदोलन के प्रमुख चेहरा सोनम वांगचुक को लद्दाख में हिंसा भड़काने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन गिरफ्तारी के बाद अब सियासी और सामाजिक हलकों में बहस छिड़ गई है। खासतौर पर तब, जब पाकिस्तान में आयोजित एक जलवायु सम्मेलन में शामिल होने को लेकर उन्हें ‘पाक समर्थक’ बताया जा रहा है। अब इस पूरे विवाद पर सोनम वांगचुक की पत्नी गीता अंजलि ने जोरदार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पूछा “अगर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेला जा सकता है, तो फिर जलवायु सम्मेलन में हिस्सा लेने पर आपत्ति क्यों?”
क्या है पूरा मामला?
आरोप है कि फरवरी 2025 में पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के एक जलवायु सम्मेलन में सोनम वांगचुक ने भाग लिया था। यह सम्मेलन पाकिस्तान के अखबार डॉन के सहयोग से आयोजित किया गया था। अब वांगचुक पर आरोप लगाया जा रहा है कि उनके पाकिस्तान से कथित “संबंध” हैं। पुलिस का दावा है कि उन्होंने वहां एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट से भी मुलाकात की थी। इसी आधार पर उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गीता अंजलि ने किया बचाव
सोनम की पत्नी गीता अंजलि ने इन आरोपों को “झूठा और मानहानिकारक” बताया। उन्होंने कहा “वह सम्मेलन एक अंतरराष्ट्रीय मंच था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्यावरण पहल की खुलेआम प्रशंसा की गई थी। सोनम को संयुक्त राष्ट्र की ओर से आमंत्रण मिला था।”उन्होंने सम्मेलन का वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें सोनम मोदी सरकार की हरित पहलों की सराहना करते नजर आ रहे हैं।
राजनीतिक विरोध भी तेज
कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के नेता सज्जाद करगिल ने भी गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा “अगर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जाना अपराध है, तो फिर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच क्यों खेले जा रहे हैं? उन्होंने 24 सितंबर को लद्दाख में हुई हिंसा की न्यायिक जांच की भी मांग की।
गिरफ्तारी से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस
शुक्रवार को सोनम वांगचुक को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वे अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे। गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें लद्दाख से 1,400 किमी दूर जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया। लद्दाख में इंटरनेट सेवाएं पूर्ण रूप से बंद कर दी गई हैं।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के पीछे की मंशा को लेकर देशभर में सवाल उठ रहे हैं। क्या यह सरकार के खिलाफ उठ रही आवाज़ को दबाने की कोशिश है, या वाकई राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला? एक तरफ सरकार पाकिस्तानी पिच पर क्रिकेट खेलती है, वहीं एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेना देशद्रोह माना जा रहा है—यही सवाल अब जनता और नागरिक समाज के बीच गूंज रहा है।
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