आज लोग अपनी सेहत के प्रति जागरुक हो रहे हैं। हम सभी अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए बहुत कुछ करते हैं। हम वर्कआउट करते हैं तो कभी डांस करके अपनी कैलोरीज बर्न करते हैं। इसी तरह हम अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए डाइट को लेकर भी बहुत सतर्क होते हैं।
Health: हम भारतीयों को चाय बिस्किट खाना काफी पसंद है। यही वजह है कि वे कुछ बाहर खाने जाएं या घर पर कुछ बनाएं तो कुछ चीजों का खास ख्याल रखते हैं। अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए डाइट को लेकर भी बहुत सतर्क होते हैं। मार्केट में एक से बढ़कर एक बिस्किट मौजूद है। हालांकि ये बिस्किट सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होते।
यही वजह है कि लोग डाइजेस्टिव बिस्किट खाना ज्यादा प्रिफर करते हैं। बिस्किट बनाने वाली भी कंपनियां दावा करती है कि डाइजेस्टिव बिस्किट में मैदा नहीं होता। कई बार जो लोग बीमार रहते हैं वह भी डाइजेस्टिव बिस्किट खाते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि डाइजेस्टिव बिस्किट भी हेल्दी नहीं है। इसे खाने से आपके सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।
ग्लूटेन की ज्यादा मात्रा बना सकती है आपको बीमार…
बेकरी आइटम्स मैदे से बने होते हैं। डाइजेस्टिव बिस्किट्स को लेकर बताया जाता है कि इनमें मैदे की जगह गेंहू के आटे का इस्तेमाल किया जाता है। इस गेंहू के आटे में ग्लूटेन होता है।
अलग-अलग ब्रांड के डाइजेस्टिव बिस्किट्स में ग्लूटेन की मात्रा भी अलग-अलग इस्तेमाल की जाती है। अगर आप ग्लूटेन सेंसिटिव है तो यह डाइजेस्टिव बिस्किट आपके लिए सेहतमंद नहीं हो सकता। ग्लूटेन की ज्यादा मात्रा से पेट दर्द, गैस, डायरिया या कब्जियत की शिकायत हो सकती है।
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डाइजेस्टिव बिस्किट बढ़ सकता है ब्लड शुगर…
इस बारे में हमने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. जुगल किशोर ने बताया कि डायबिटीज के मरीजों के लिए बनाए जाने वाले स्नैक्स में भी कैलोरी हो सकती है।
हालांकि, इनमें दूसरे प्रोडक्ट्स की तुलना में कैलोरी मात्रा कम जरूर हो सकती है। इसलिए कुछ लोग इसे हेल्थ के लिहाज से सुरक्षित मानते हैं। इनमें डाइजेस्टिव या डायबिटिक फ्रेंडली ऐसी कई चीजें शामिल होती हैं, जिनमें शुगर की मात्रा ज्यादा हो सकती है।
डाइजेस्टिव बिस्किट क्या हैं?
डाइजेस्टिव बिस्किट साबुत गेहूं का आटा, सोडियम बाइकार्बोनेट, अमोनियम बाइकार्बोनेट, मैलिक एसिड और टार्टरिक एसिड, वेजिटेबल ऑयल, मलाई निकाला हुआ दूध पाउडर, चीनी और बेकिंग सोडा से बनाया जाता है।
डाइजेस्टिव बिस्किट खाने के नुकसान…
- डाइजेस्टिव बिस्किट में सैचुरेटेड फैट की मात्रा होती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की संभावना हो सकती है।
- डाइजेस्टिव बिस्किट को बनाने में सोडियम का भी इस्तेमाल होता है। बहुत ज्यादा मात्रा में इनका सेवन हाई बीपी से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है। जिससे आपके दिल को भी नुकसान हो सकता है।
- डाइजेस्टिव बिस्किट को बनाने में भी प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसमें सुगंध के लिए भी कई तरह के एसेंस मिलाए जाते हैं। जिस से भी आप को गंभीर नुकसान हो सकता है।
- बिस्किट को बनाने में आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल किया जाता है। इससे ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा हो जाता है।
- डाइजेस्टिव बिस्किट में मैदे की ज्यादा गेहूं के आटे का इस्तेमाल किया जाता है। गेहूं के आटे में ग्लूटेन होता है। अलग अलग ब्रांड की डाइजेस्टिव बिस्किट में ग्लूटेन की मात्रा अलग-अलग इस्तेमाल की जाती है, अगर आप ग्लूटेन सेंसिटिव है तो यह डाइजेस्टिव बिस्किट आपके लिए सेहतमंद नहीं हो सकता है। इसे आप को डायरिया, पेट दर्द की शिकायत हो सकती है।
शुगरलेस नहीं हैं ये बिस्किट्स…
डाइजेस्टिव बिस्किट्स दूसरे बिस्किट के मुकाबले कम मीठे होते हैं। लेकिन इनमें नैचुरल स्वीटनर्स के साथ चीनी का भी इस्तेमाल किया जाता है। यानी ऐसा नहीं है कि ये शुगरलेस हैं। इन्हें लेने पर कहीं-न-कहीं आप एक्सट्रा शुगर का सेवन तो करते ही हैं। और अगर इन बिस्किट में मिलाई गई शुगर की मात्रा कंट्रोल लेवल से ऊपर है तो मोटापा, दिल से जुड़ी बीमारियां, डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा कम होता तो नजर नहीं आता।
