Sadhvi Pragya News: बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भोपाल के छोला इलाके में दुर्गा वाहिनी के कार्यक्रम के दौरान एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने गैर हिंदुओं (विधर्मियों) के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने की बात कही और महिलाओं को अपने घरों में हथियार रखने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू को लेकर तीखे आरोप लगाए।
गैर हिंदुओं को मंदिरों के आसपास नहीं आने देने की बात
साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मंदिरों के आसपास प्रसाद बेचने वाले विधर्मी लोगों को तुरंत हटाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे न तो विधर्मियों से प्रसाद खरीदेंगे और न ही उन्हें मंदिरों के आस-पास आने देंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई विधर्मी प्रसाद बेचता पाया गया तो उसकी ठुकाई की जानी चाहिए। उनका कहना था कि नवरात्रि के दौरान मंदिरों के आसपास ऐसे समूह बनाकर जांच करनी चाहिए कि कौन प्रसाद बेच रहा है, और विधर्मियों को रोकना चाहिए।
घर में हथियार रखने और विधर्मियों को सबक सिखाने की अपील
बताते चले कि, साध्वी ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने घरों में किसी भी विधर्मी को प्रवेश न दें, चाहे वह लाइट फिटिंग वाला हो, नल फिटिंग वाला हो या सफाई कर्मचारी। उन्होंने हथियार रखने की सलाह देते हुए कहा कि हथियारों की धार तेज रखनी चाहिए ताकि घर में किसी दुश्मन के आने पर कड़ा जवाब दिया जा सके। उन्होंने कहा कि जब हमारी बेटियों-बहनों को अगवा कर उनके टुकड़े सड़क पर बिखेर दिए जाते हैं, तो हमें बहुत पीड़ा होती है और इस दर्द को बाहर निकालने के लिए सख्ती जरूरी है।
दुर्गा वाहिनी का मिशन: हर घर में दुर्गा और हथियार
साध्वी प्रज्ञा ने दुर्गा वाहिनी के काम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हर घर में दुर्गा तैयार किया जाना चाहिए और हर घर में हथियार रखने का प्रोत्साहन होना चाहिए। उन्होंने देशभक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि नियम-कानून का पालन करना हमारा कर्तव्य है क्योंकि यह देश हमारा है। उन्होंने कहा कि दुश्मन यदि घर की दहलीज पार करे तो उसे बीच में ही काट देना चाहिए।
महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू पर तंज
अपने संबोधन में साध्वी प्रज्ञा ने महात्मा गांधी और भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर तीखे तंज कसे। उन्होंने कहा कि गांधी ने कहा था कि आजादी बिना खड़क-ढाल के मिली, लेकिन वे केवल सत्ता के लालची थे। उन्होंने नेहरू को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में चित्रित किया जो न वोटों से जीता था, न देश के दिल को जीता था और न देश के लिए कोई सेवा की। साध्वी ने कहा कि नेहरू ने अंग्रेजों की चाटुकारिता की और विदेशी महिलाओं के सामने नतमस्तक रहे। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं के कारण देश को कई हिस्सों में बांटा गया और देश वर्तमान स्थिति में पहुंचा।
साध्वी प्रज्ञा के ये बयान फिर से सामाजिक और राजनीतिक विवादों को जन्म दे सकते हैं। उनके इस कड़े और विवादित रुख ने हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों ने भी इस बयान की कड़ी आलोचना की है और इसे समाज को बांटने वाली भाषा बताया है।
