Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपित ब्रिटिश नागरिक मौलाना शमसुल हुदा खान की संपत्ति का मामला लगातार गंभीरता पकड़ता जा रहा है। पुलिस और एसआईटी की संयुक्त जांच में यह सामने आया है कि मौलाना ने बेहद कम समय में करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित कर ली, जबकि इसकी आधिकारिक आय का कोई स्पष्ट स्रोत नहीं है। फिलहाल मौलाना पुलिस की पकड़ से बाहर है और उसके कई करीबी भूमिगत बताए जा रहे हैं।
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बैंक खातों में करोड़ों रुपये का मामला
जांच एजेंसियों ने संतकबीरनगर और आजमगढ़ में मौलाना और उसके करीबियों के नाम पर कुल 17 बैंक खातों की जानकारी जुटाई है। प्रारंभिक जांच में इन खातों में करोड़ों रुपये जमा होने के संकेत मिले हैं। एसआईटी इन खातों के लेनदेन का विवरण खंगाल रही है ताकि धन के स्रोत और उपयोग की पूरी जानकारी हासिल की जा सके।जांच के दौरान कई संदिग्ध लेनदेन भी सामने आए हैं, जिनकी जानकारी ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा की जा रही है। माना जा रहा है कि इन लेनदेन के माध्यम से धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) की कोशिश की गई हो।
करोड़ों की जमीन का मामला
जांच में खलीलाबाद की गोश्त मंडी में भी करोड़ों रुपये की प्राइम लोकेशन वाली जमीन के दस्तावेज मिले हैं। यह जमीन मौलाना के परिवार या उसके जुड़े लोगों के नाम पर दर्ज है। राजस्व विभाग ने इस संपत्ति के स्वामित्व और खरीद प्रक्रिया की सटीक जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का मानना है कि यह संपत्ति भी धन शोधन में इस्तेमाल की गई हो सकती है।
परिजन और करीबी भूमिगत
जांच के आगे बढ़ने के साथ ही मौलाना के कई परिजन और करीबी रिश्तेदार अचानक गायब हो गए हैं। पुलिस का मानना है कि कार्रवाई की भनक लगते ही ये लोग भूमिगत हो गए। मौलाना खुद भी अब तक गिरफ्त में नहीं आया है।पुलिस और एसआईटी की कई टीमें मौलाना के संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी और तलाश कर रही हैं। इसके साथ ही केंद्रीय और राज्य एजेंसियां मौलाना के सम्पूर्ण नेटवर्क की समानांतर जांच कर रही हैं।
विशेषज्ञों की राय
केंद्रीय जांच अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में अक्सर विदेशी नागरिक अपने नेटवर्क और स्थानीय सहयोगियों के माध्यम से धन को छुपाने का प्रयास करते हैं। ऐसे में मौलाना हुदा खान का मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और मनी लॉन्ड्रिंग दोनों के दृष्टिकोण से गंभीर माना जा रहा है।मौलाना शमसुल हुदा खान का मामला न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि यह वित्तीय जांच और मनी लॉन्ड्रिंग की दिशा में भी एक अहम केस बन गया है। आगे की जांच में यह स्पष्ट होगा कि करोड़ों रुपये की संपत्ति कहां से आई और किस प्रकार से इस्तेमाल की गई।
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