नई दिल्ली
एसआईआर के कार्य में लगे बीएलओ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि BLO से जुड़े सभी निर्देश पूरे देश में लागू होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि SIR प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं में बीएलओ की सुरक्षा और प्रशासनिक निर्देश पूरे देश में लागू होंगे, ये सिर्फ पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं हैं. मामले की सुनवाई कर रहे सीजेआई की बेंच ने कहा कि प्रभावित कर्मचारी को स्वतंत्रता होगी कि वे राज्य के चुनाव आयोग, जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी से संपर्क करें. जिला अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य सरकार आवश्यक अनुपालन करें. पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिए गए.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
अलग-अलग राज्यों की याचिकाओं को अलग-अलग श्रेणी में विभाजित किया जाए, ताकि मुख्य मुद्दे पर सुनवाई सुचारू रूप से हो सके. तीन अलग-अलग राज्यों से संबंधित SIR मामलों को अगले हफ्ते तीन अलग-अलग तारीखों पर सूचीबद्ध किया जाए.
सुनवाई के दौरान उठे मुद्दे
वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने दलील दी कि यूपी जैसा बड़ा राज्य तय टाइमलाइन में SIR पूरा नहीं कर पाएगा. इस पर CJI ने यूपी की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि अगले मंगलवार को सुनवाई होगी. CJI ने फिर दोहराया, “आप लोग इसी तरह नई-नई याचिकाएं लाते रहेंगे, तो मुख्य केस की सुनवाई कैसे होगी?”
तमिलनाडु का पक्ष
तमिलनाडु SIR मुद्दे पर एक वकील ने कहा कि राज्य के प्रवासी मजदूर पोंगल के बाद ही लौटते हैं, इसलिए अदालत को इसे ध्यान में रखना चाहिए. अदालत ने स्पष्ट किया कि वह पहले बिहार मामले को प्राथमिकता देगी, क्योंकि उसमें होने वाला निर्णय सभी राज्यों को प्रभावित करेगा.
बीएलओ की सुरक्षा पर चिंता
चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि जमीनी स्तर पर बीएलओ को मिल रही धमकियां गंभीर मुद्दा बन सकती हैं. इनकी सुरक्षा नजरअंदाज नहीं की जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. उसने कहा कि बीएलओ से जुड़े निर्देश देश भर में लागू होंगे. इस सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि बीएलओ की सुरक्षा राज्य पुलिस के सहयोग पर निर्भर है. जरूरत पड़ी तो केंद्रीय बल तैनात किए जा सकते हैं. प्रभावित कर्मचारी राज्य ECI और जिला निर्वाचन अधिकारी से सुरक्षा के लिए संपर्क कर सकेंगे. मतदाता नामांकन और नागरिकता से जुड़े मामलों की अगली सुनवाई 17 तारीख को होगी.
