Imran Khan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान, जो अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं, उनकी सेहत और जेल स्थितियों को लेकर पिछले चार हफ्तों से लगातार सवाल उठ रहे हैं। मुख्य चिंता यह है कि उन्हें लंबे समय से अपने परिवार, विशेषकर बहनों, से मिलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही। मुलाक़ात पर अचानक लगी यह रोक पाकिस्तान सरकार के रवैये पर कई संदेह पैदा कर रही है।
Imran Khan News:जेल बैरक की तस्वीरें सामने आईं
इस बीच, एबीपी न्यूज़ को इमरान ख़ान की जेल बैरक की कुछ तस्वीरें मिली हैं, जिन्हें पाकिस्तान सरकार ने पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट में जमा कराया था। ये तस्वीरें उस छोटे से बैरक की हैं, जहां इमरान ख़ान पूरे 2 साल 3 महीने से रह रहे हैं। बैरक में एक अटैच्ड वॉशरूम है, एक सिंगल बेड रखा हुआ है, पास में एक वॉशबेसिन लगा है और छोटे से कमरे में टीवी, एयर कूलर, एक कुर्सी और दो टेबल की व्यवस्था भी मौजूद है।
Imran Khan News:जेल में दी जा रही विशेष सुविधाओं की जानकारी
पाकिस्तान की केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में बताया था कि इमरान ख़ान को सामान्य कैदियों की तुलना में कई विशेष सुविधाएँ दी जा रही हैं। उनके लिए जेल परिसर में एक एक्सक्लूसिव गैलरी बनाई गई है, जहां उन्हें दिन में दो बार टहलने की अनुमति मिलती है। इसके अलावा, उनके लिए एक छोटा अलग किचन भी उपलब्ध कराया गया है, जिसमें इमरान की पसंद के अनुसार खाना तैयार किया जाता है।
पढ़ने-लिखने के लिए अलग व्यवस्था
सरकार के अनुसार, इमरान ख़ान को पढ़ने के लिए किताबें भी मुहैया कराई गई हैं। उनके बैरक में एक बुक-शेल्फ भी रखा गया है, जहां वे कई किताबें रख सकते हैं। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि जेल में रहते हुए भी वे अपनी मानसिक सक्रियता बनाए रख सकें।
एक्सरसाइज के लिए उपकरण उपलब्ध
इमरान को फिट रखने के लिए जेल प्रशासन की ओर से उन्हें एक्सरसाइज बाइक और स्ट्रेचिंग बेल्ट जैसे व्यायाम उपकरण भी दिए गए हैं। बताया गया कि वे नियमित रूप से इन उपकरणों का उपयोग करते हैं, ताकि शारीरिक कमजोरी न आए और वे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बच सकें।
परिवार से मुलाक़ात पर रोक की असली वजह?
इमरान ख़ान को पहले हर सप्ताह अपनी बहनों से मिलने की अनुमति थी, लेकिन पिछले चार हफ्तों से अचानक यह अनुमति वापस ले ली गई। माना जा रहा है कि इसका प्रमुख कारण यह है कि इमरान ख़ान अपनी बहनों के माध्यम से बाहर अपने समर्थकों को संदेश भेजते थे। विशेष रूप से, सेना प्रमुख आसिम मुनीर के फील्ड मार्शल बनाए जाने के बाद इमरान उनकी नीतियों की तीखी आलोचना कर रहे थे।
इमरान की आलोचना जनता तक न पहुंचे, यही मकसद?
अटकलों के मुताबिक, पाकिस्तान की सत्ता-व्यवस्था चाहती है कि इमरान ख़ान के ये संदेश आम जनता तक न पहुंचें। सरकार और सेना नेतृत्व का मानना है कि इमरान की आलोचना राजनीतिक माहौल को फिर से भड़का सकती है। यही कारण बताया जा रहा है कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद उनकी बहनों से मुलाक़ात रोक दी गई है। विपक्षी दल और इमरान के समर्थक इसे राजनीतिक प्रताड़ना बता रहे हैं।
स्थिति और तनावपूर्ण, अंतरराष्ट्रीय चिंता भी बढ़ी
इमरान ख़ान के साथ हो रहे इस व्यवहार को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी चिंता जताई है। मौजूदा परिस्थितियों में, पाकिस्तान की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र पर एक बार फिर पारदर्शिता और निष्पक्षता के सवाल उठ रहे हैं।
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