Operation Sindoor : सीमा तो एक ही है। लेकिन ‘दुश्मन’ तीन देश हैं। ऑपरेशन सिंदूर में भारत को तीन दुश्मनों का सामना करना पड़ा। यह बात भारतीय सेना के उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि भारत के साथ संघर्ष के दौरान दो देश पाकिस्तान की मदद कर रहे थे। इसकी वजह से भारत का प्रतिरोध बढ़ गया। राहुल ने बताया कि कैसे सेना के अधिकारियों ने पाकिस्तान के अंदर नौ आतंकी शिविरों की पहचान की, कैसे वहां हमले की योजना बनाई गई।
उप सेना प्रमुख का बयान
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की। राहुल ने कहा, ”हमारे सामने सीमा थी। दो दुश्मन थे, असल में तीन। सामने पाकिस्तान था। चीन हर तरह से उनकी मदद कर रहा था। पाकिस्तान का 81 फीसदी सैन्य हार्डवेयर चीन से आता है। हथियार भी चीन के हैं। दरअसल, चीन अपने हथियारों की ताकत पाकिस्तान के जरिए परखता है। वे पाकिस्तान को लाइव लैब की तरह इस्तेमाल करते हैं।”
तीसरा दुश्मन कौन है?
पाकिस्तान और चीन दो हैं, तीसरा दुश्मन कौन है? राहुल ने इस सवाल का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि चीन के अलावा तुर्की ने भी पाकिस्तान की मदद की। सेना प्रमुख के शब्दों में, ”तुर्की ने भी पाकिस्तान की मदद करने में अहम भूमिका निभाई। जब डीजीएमओ स्तर की बातचीत चल रही थी, तब पाकिस्तान को चीन से काफी जानकारी मिल रही थी। हमें मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत है।” पाकिस्तान में टारगेट की पहचान कैसे की गई? राहुल ने कहा, ”ऑपरेशन सिंदूर से हमने बहुत कुछ सीखा है। हमने अपनी तकनीक और खुफिया स्रोतों से जो भी जानकारी जुटाई, उसके आधार पर टारगेट की पहचान की गई। हमने शुरुआत में 21 जगहों की पहचान की। उनमें से ऐसा लगा कि नौ जगहों पर हमला किया जाना चाहिए। आखिरी में फैसला लिया गया मिनट.”
आंकड़े बताते हैं कि चीन ने 2015 से अब तक पाकिस्तान को 8 बिलियन डॉलर के हथियार बेचे हैं. 2020 से 2024 के बीच वे दुनिया के चौथे सबसे बड़े हथियार निर्यातक थे. इनमें से 63 प्रतिशत निर्यात पाकिस्तान को हुए. पाकिस्तान चीन का सबसे बड़ा हथियार खरीदार है. पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ज़्यादातर लड़ाकू विमान और भारत के साथ संघर्ष के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले विमान भी चीन से ही आए थे.
पहलगाम हमले के बैद हुआ ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कई कदम उठाए. 6 मई को पाकिस्तान में एक सैन्य अभियान चलाया गया, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया. भारतीय हमले में पाकिस्तान के कई आतंकी कैंप तबाह हो गए. इसके बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की. भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार चार दिनों तक संघर्ष जारी रहा. उसके बाद 10 मई को दोनों पक्ष युद्ध विराम पर सहमत हुए. हालांकि, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध अभी भी बहुत ख़राब हैं.
युद्ध विराम के काफ़ी समय बाद एक विदेशी मीडिया आउटलेट को दिए इंटरव्यू में भारतीय सेना के चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ ने कहा कि पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम समझौते के बाद भी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध बहुत ख़राब हैं. (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ झड़प में भारतीय लड़ाकू विमान नष्ट हो गए। लेकिन कितने? उन्होंने यह नहीं बताया। इस बार एक और सैन्य अधिकारी ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बारे में खुलकर बात की है।
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