Saharanpur Suicide Case: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में मंगलवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। लगातार बढ़ते कर्ज़ और आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक दंपत्ति ने पहले अपने चार साल के बेटे को ज़हर देकर मार डाला, फिर खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मौके से तीनों के शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं।
बुनाई के व्यवसाय में गिरावट बनी त्रासदी की वजह
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शिवानी और सचिन ग्रोवर की शादी कई साल पहले हुई थी और दोनों बुनाई के पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े थे। लेकिन पिछले कुछ महीनों से व्यवसाय में भारी मंदी के कारण आमदनी लगभग खत्म हो गई थी। बढ़ते कर्ज़ ने स्थिति को और गंभीर बना दिया था, जिससे परिवार मानसिक रूप से बेहद परेशान था।
बेटे के जन्म के बाद और बढ़ा दबाव
चार महीने पहले शिवानी ने एक बेटे को जन्म दिया था। नई ज़िम्मेदारियों के साथ-साथ आर्थिक बोझ भी लगातार बढ़ता जा रहा था। ऐसे में, परिवार की स्थिति और खराब होती चली गई। कोई रास्ता न दिखने पर, दंपत्ति ने मिलकर आत्महत्या का निर्णय ले लिया। पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि पहले दंपत्ति ने अपने चार साल के बेटे को ज़हर दिया। इसके बाद, दोनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बच्चा पास के कमरे में मृत पाया गया, जबकि दंपत्ति के शव दूसरे कमरे में लटके मिले।
पुलिस ने मौके से जुटाए साक्ष्य, जांच जारी
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “मौके से ज़हर की शीशी और फंदे के निशान मिले हैं। हम मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि आत्महत्या के पीछे की पूरी कहानी सामने आ सके।” घटना के बाद इलाके में शोक और हैरानी का माहौल है। पड़ोसियों का कहना है कि परिवार कुछ समय से परेशान जरूर था, लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे इतना बड़ा कदम उठाएंगे। रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने प्रशासन से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आर्थिक सहायता और मानसिक परामर्श की व्यवस्था की मांग की है।
समाज के लिए चेतावनी
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आर्थिक संकट और मानसिक तनाव किस हद तक लोगों को तोड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हालात में लोगों को सहायता और परामर्श की सख्त ज़रूरत होती है। सरकार और समाज को मिलकर ऐसे परिवारों की मदद करनी होगी, ताकि कोई और जान न जाए।
प्रशासनिक तंत्र पर उठे सवाल ?
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पूछा है कि क्या इस परिवार को कोई सरकारी मदद नहीं मिल सकी? क्या सामाजिक योजनाएं ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रही हैं? यह घटना सरकारी सहायता प्रणाली की समीक्षा की मांग करती है। अब सभी की निगाहें पुलिस जांच रिपोर्ट और प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
