Delhi चुनाव में BJP-AAP के बीच छिड़ी जंग में अरविंद केजरीवाल ने जनता से क्यों कहा?”जाओ बीजेपी को दे दो वोट”

केजरीवाल जानते थे कि….भाजपा को अपनी आलोचना और विपक्ष की मांगों के लिए किसी और पार्टी की जरूरत नहीं थी।

Shilpi Jaiswal

अरविंद केजरीवाल, जो आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, अभी हाल ही में उन्होंने दिल्ली की जनता से कहा, “तो जाओ BJP को वोट दे दो।” यह बयान उन्होंने एक विशिष्ट संदर्भ में दिया था, जो दिल्ली में भाजपा (BJP) और आप (AAP) के बीच राजनीतिक मुकाबले को लेकर था। इस बयान का कारण और इसका राजनीतिक संदेश समझने के लिए माना जा रहा है।

Read More:Bangladesh: ट्रंप प्रशासन का बड़ा फैसला! अब बांग्लादेश की सरकार का क्या होगा कदम?

BJP के खिलाफ आरोपों और अभियान का जवाब

केजरीवाल ने यह बयान भाजपा (BJP) द्वारा दिल्ली सरकार के खिलाफ चलाए जा रहे आरोपों और अभियान के जवाब में दिया था। भाजपा (BJP) के नेता लगातार आप सरकार पर भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था में खामी और विकास कार्यों की कमी का आरोप लगा रहे थे। केजरीवाल ने इन आरोपों को चुनौती देते हुए कहा कि, अगर दिल्लीवासियों को लगता है कि भाजपा ही सबसे बेहतर विकल्प है, तो वे उसे वोट दे सकते हैं। यह उनके लिए एक तरह से विरोधियों को नकारात्मक तरीके से जवाब देने का तरीका था, जो हमेशा उनकी सरकार और उनके कामों पर सवाल उठाते रहते थे।

Read More:Delhi Assembly Elections 2025: चुनाव से पहले BJP के वादों का खुला पिटारा, अगर फिर से खिला कमल तो…

आलोचना और विपक्ष की मांग

इसके अलावा, इस बयान के पीछे एक रणनीतिक कदम भी था। केजरीवाल जानते थे कि….भाजपा को अपनी आलोचना और विपक्ष की मांगों के लिए किसी और पार्टी की जरूरत नहीं थी। उनका यह बयान भाजपा की राजनीति को उसी के ही तर्क पर उल्टा कर रहा था, जिससे वे यह दिखाना चाहते थे कि, अगर भाजपा के नेता दिल्ली की वर्तमान सरकार से संतुष्ट नहीं हैं, तो उन्हें लोगों से सीधे तौर पर समर्थन मांगने का कोई हक नहीं है।

Read More:Delhi Election: बीजेपी ने दिल्ली चुनाव के लिए संकल्प पत्र पार्ट-3 किया जारी, Amit Shah ने किए कई बड़े वादे

केजरीवाल का संकेत

यह बयान एक और रणनीतिक संदेश था, जिसमें केजरीवाल ने यह संकेत दिया कि उनकी पार्टी और सरकार अपनी नीतियों में संजीदा है और जनता के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने इसे भाजपा (BJP) के खिलाफ एक तरह से चुनावी तंज के रूप में पेश किया, ताकि यह दिखा सकें कि जनता के सामने असल मुद्दे क्या हैं और भाजपा किस दिशा में जा रही है।इस बयान का उद्देश्य सिर्फ जनता को यह समझाने का था कि राजनीति में केवल आरोप-प्रत्यारोप की बजाय सच्चे विकास और सेवा के कामों पर ध्यान देना चाहिए, और अगर किसी को लगता है कि भाजपा से बेहतर विकल्प कहीं और है, तो वह अपनी पसंद का निर्णय लेने में स्वतंत्र है।

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version