Income Tax Calculator 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 के बजट में एक अहम घोषणा की है कि अब 12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा। यह बदलाव नए टैक्स व्यवस्था के तहत किया गया है। पहले 7 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स की छूट थी, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही, स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी 75,000 रुपये पर बरकरार रखा गया है।
आय पर टैक्स की दरें: नए स्लैब्स का ऐलान

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, नई व्यवस्था के तहत, 24 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा, जबकि 15-20 लाख की आय पर 20% का टैक्स तय किया गया है। वहीं, 8-12 लाख रुपये की आय पर 10% का टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि 12 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन अगर किसी की आय 12 लाख 75 हजार रुपये है, तो स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 रुपये के बाद 0 टैक्स लगेगा।
नए टैक्स स्लैब्स की विस्तृत जानकारी
नए टैक्स स्लैब्स में बदलाव के बाद, आयकर दरें इस प्रकार होंगी:
- 0-4 लाख रुपये: 0% टैक्स
- 4-8 लाख रुपये: 5% टैक्स
- 8-12 लाख रुपये: 10% टैक्स
- 12-16 लाख रुपये: 15% टैक्स
- 16-20 लाख रुपये: 20% टैक्स
- 20-24 लाख रुपये: 25% टैक्स
- 24 लाख रुपये से ऊपर: 30% टैक्स
अगर किसी व्यक्ति की आय 12 लाख 75 हजार रुपये से अधिक है, तो टैक्स स्लैब के अनुसार उसका टैक्स निर्धारण होगा।
मार्जिनल रिलीफ का फायदा: कम टैक्स देनदारी

मार्जिनल रिलीफ के तहत, यदि किसी की आय 13 लाख रुपये है, तो उसे 66,000 रुपये का टैक्स बनता है, लेकिन स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद उसका टैक्स केवल 25,000 रुपये तक सीमित हो जाएगा। इसका मतलब है कि 13 लाख रुपये की आय पर भी टैक्स की देनदारी को नियंत्रित किया जाएगा, ताकि अधिकतम टैक्स नहीं लिया जा सके।
वित्त मंत्री ने पुरानी टैक्स व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया है। पुराने टैक्स स्लैब्स में 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है और स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये है।
नई टैक्स व्यवस्था के लिए प्रस्तावित बिल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान नए टैक्स बिल का भी ऐलान किया था, जो अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा। हालांकि इस बिल के बारे में अधिक जानकारी वित्त मंत्री ने साझा नहीं की है, लेकिन यह आने वाले समय में नए टैक्स स्लैब्स और छूटों को लेकर महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
नए बदलावों से मध्यम वर्ग को होगा फायदा
इन बदलावों के बाद, मध्यम वर्ग को खासतौर पर लाभ होने की उम्मीद है, क्योंकि अब अधिक आय पर भी कम टैक्स देनदारी होगी। इसके साथ ही, आयकर व्यवस्था को सरल बनाने की दिशा में यह एक अहम कदम माना जा रहा है।
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