Income Tax: सरकार ने बजट 2025 (Budget 2025) में इनकम टैक्स में बड़े बदलावों का ऐलान किया है। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ये बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। इसका मतलब है कि टैक्सपेयर्स को इस बदलाव का लाभ अगले वित्त वर्ष यानी 2025-26 से मिलेगा। इस दौरान 12 लाख रुपये तक की आय पर इनकम टैक्स नहीं लगेगा, जिससे लाखों करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
क्या नया आयकर कानून इसे प्रभावित करेगा?

हालांकि, नए आयकर कानून के लिए संसद में नया बिल पेश किया जाएगा, लेकिन बजट में किए गए बदलावों को तुरंत लागू किया जाएगा। वित्त मंत्री ने साफ किया कि नए टैक्स स्लैब और 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स से मुक्त करने के ऐलान को पारित किया जाएगा। इसे नए आयकर कानून से अलग रखा जाएगा। दरअसल, यह बदलाव मौजूदा नियमों के तहत ही होंगे, और इसके लिए नए कानून का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
नया आयकर कानून क्या है?

सरकार अब 1961 के आयकर कानून को सरल और स्पष्ट बनाने की दिशा में कदम उठा रही है। नया आयकर कानून 2020 में लागू किए गए नए टैक्स रिजीम को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से लाया जाएगा। इसके अंतर्गत टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नए फॉर्मूले और प्रक्रियाएं तैयार की जाएंगी। इसके साथ ही, आयकर कानून में मौजूद जटिलताओं को भी समाप्त किया जाएगा, ताकि आम नागरिक इसे आसानी से समझ सके। इसमें सिंगल टैक्स ईयर का प्रस्ताव भी हो सकता है, जिससे टैक्स की प्रक्रिया और अधिक सहज हो जाएगी।
क्या बदलाव होने से टैक्सपेयर्स को लाभ होगा?
नए टैक्स स्लैब के अनुसार, अब 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा। इस बदलाव से लगभग 89.8 प्रतिशत वेतनभोगी करदाताओं को सीधे राहत मिलेगी, और वे किसी प्रकार का आयकर नहीं देंगे। 12 लाख रुपये की छूट सीमा से करीब 1.5 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे, जिनकी आय 7 लाख रुपये से 12 लाख रुपये के बीच है। इसके अलावा, 12.75 लाख तक की आय पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा, जिससे और भी करदाताओं को फायदा होगा।
नए टैक्स स्लैब का असर कितने लोगों पर पड़ेगा?

नए टैक्स स्लैब के तहत सरकार का लक्ष्य लगभग 90 प्रतिशत करदाताओं को टैक्स से मुक्त करना है। इस बदलाव के बाद 75 फीसदी से अधिक टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को अपनाने के लिए तैयार होंगे, क्योंकि अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। साथ ही, यह बदलाव यह सुनिश्चित करेगा कि अब 10 में से 9 वेतनभोगी व्यक्तियों को आयकर नहीं देना पड़ेगा।
ओल्ड टैक्स रिजीम अब किसके लिए फायदेमंद होगा?
ओल्ड टैक्स रिजीम अभी भी कुछ खास करदाताओं के लिए फायदेमंद हो सकता है, खासकर उन व्यक्तियों के लिए जो HRA (House Rent Allowance), होम लोन, लाइफ इंश्योरेंस और मेडिकल इंश्योरेंस जैसी छूट का लाभ लेते हैं। ऐसे लोग पुराने टैक्स रिजीम में बने रह सकते हैं। हालांकि, अधिकतर करदाता अब नए टैक्स स्लैब में शिफ्ट हो जाएंगे, क्योंकि इससे उन्हें टैक्स राहत मिलेगी और उनकी कर प्रक्रिया और सरल हो जाएगी।
क्या इस नए टैक्स सिस्टम से कोई बड़ा बदलाव होगा?
जी हां, नया आयकर कानून और टैक्स स्लैब दोनों ही देश के टैक्स सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाएंगे। यह बदलाव केवल टैक्सपेयर्स के लिए नहीं, बल्कि सरकार के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। नए टैक्स सिस्टम से टैक्स संग्रहण प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और आम जनता को टैक्स के बारे में सही जानकारी मिल पाएगी।
कितने लोग अब टैक्स से मुक्त होंगे?

नए टैक्स स्लैब के तहत, 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट मिलने से, 6.77 करोड़ टैक्सपेयर्स को टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इसका मतलब है कि अब 89.8% वेतनभोगी करदाता टैक्स से मुक्त होंगे। इसके अतिरिक्त, अगर 12.75 लाख रुपये की सीमा को ध्यान में रखा जाए, तो यह आंकड़ा 6.92 करोड़ हो सकता है।
किसे टैक्स नहीं लगेगा?
इस बदलाव से वेतनभोगी करदाता जिनकी आय 7 लाख रुपये से 12 लाख रुपये के बीच है, वे पूरी तरह से टैक्स से मुक्त हो जाएंगे। साथ ही, यह व्यवस्था वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी।
नए टैक्स रिजीम का क्या असर होगा?

नए टैक्स रिजीम का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब ज्यादातर टैक्सपेयर्स को टैक्स नहीं देना पड़ेगा। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स न लगे, जिससे लाखों करदाता राहत महसूस करेंगे। यह नया टैक्स सिस्टम और कानून आने वाले समय में और भी सुधार ला सकते हैं, जो न केवल करदाताओं के लिए, बल्कि देश की टैक्स प्रक्रिया को भी सरल बनाएंगे।
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