IND Vs AUS Semi Final: भारतीय टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में काली पट्टी बांधकर मैदान में की एंट्री ? जानिए वजह…

Aanchal Singh
IND vs AUS
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IND Vs AUS Semi Final: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का पहला सेमीफाइनल दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस अहम मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया। मैच के दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने एक खास रूप से मैदान पर कदम रखा, जिसमें उनके हाथों में काली पट्टी बंधी हुई थी।

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क्यों टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने काली पट्टी बांधी ?

क्यों टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने काली पट्टी बांधी ?

क्रिकेट मैचों में काले रंग की पट्टी खिलाड़ियों के लिए श्रद्धांजलि देने का एक परंपरागत तरीका है। यह आमतौर पर उस समय देखा जाता है जब किसी बड़े खिलाड़ी या खेल से जुड़ी महत्वपूर्ण शख्सियत का निधन हो जाता है। इस बार भारत और ऑस्ट्रेलिया के सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने यह काली पट्टी उस पूर्व क्रिकेटर को श्रद्धांजलि देने के लिए बांधी है, जिनका एक दिन पहले निधन हो गया था।

मुंबई के लीजेंड पद्माकर शिवलकर का निधन

मुंबई के लीजेंड पद्माकर शिवलकर का निधन

काली पट्टी बांधने के पीछे का कारण मुंबई के पूर्व क्रिकेटर पद्माकर शिवलकर का निधन है। 84 साल के पद्माकर शिवलकर का निधन हाल ही में हुआ था। वह बाएं हाथ के स्पिनर थे और उन्होंने 20 साल तक मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट खेला। हालांकि, भारतीय टीम में उन्हें कभी स्थान नहीं मिला। शिवलकर के निधन के बाद, भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने इस श्रद्धांजलि के रूप में काली पट्टी बांधकर उनके योगदान को सम्मानित किया।

पद्माकर शिवलकर की शानदार क्रिकेट करियर ने छोड़ी अमिट छाप

पद्माकर शिवलकर की शानदार क्रिकेट करियर ने छोड़ी अमिट छाप

पद्माकर शिवलकर का क्रिकेट करियर अद्वितीय रहा है। उन्होंने 1961/62 सीजन में महज 21 साल की उम्र में अपना प्रथम श्रेणी करियर शुरू किया। 47 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के लिए अपना आखिरी मैच खेला था, जो 1987/88 सीजन में हुआ था। शिवलकर ने अपने करियर में 124 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 589 विकेट लिए। उनकी उत्कृष्ट गेंदबाजी ने उन्हें कई उपलब्धियां दिलाईं, जिसमें 42 विकेट और 10 विकेट हॉल की रिकॉर्ड संख्या शामिल है।

पद्माकर शिवलकर का रणजी ट्रॉफी फाइनल में ऐतिहासिक प्रदर्शन

पद्माकर शिवलकर का करियर सबसे बेहतरीन फाइनल प्रदर्शन से भरा रहा है। 1972/73 सीजन में उन्होंने तमिलनाडु के खिलाफ रणजी ट्रॉफी फाइनल में 16 रन पर 8 विकेट और 18 रन पर 5 विकेट लेकर मुंबई को लगातार 15वां खिताब दिलाया। उनका यह प्रदर्शन क्रिकेट इतिहास में लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

भारतीय टीम ने शिवलकर के योगदान को किया याद

भारतीय टीम ने शिवलकर के योगदान को किया याद

मुंबई के क्रिकेट लीजेंड पद्माकर शिवलकर के निधन के बाद भारतीय टीम ने मैदान पर काली पट्टी बांधकर उनके योगदान और खेल के प्रति उनकी समर्पण को याद किया। यह श्रद्धांजलि भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ियों के प्रति एक सशक्त संदेश है, और टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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