IND W vs AUS W: भारत और ऑस्ट्रेलिया की महिला टीमों के बीच तीसरा वनडे मुकाबला दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेला गया। तीन मैचों की सीरीज 1-1 की बराबरी पर थी, ऐसे में यह मुकाबला निर्णायक था। लेकिन इस अहम मुकाबले में भारतीय महिला टीम का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और ऑस्ट्रेलिया ने रिकॉर्डतोड़ 412 रन बनाकर भारत के खिलाफ एक शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज करवा दिया।
ऑस्ट्रेलिया की तूफानी बल्लेबाजी ने मचाया कोहराम
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी एलिसा हीली की टीम की शुरुआत से ही आक्रामक मंशा साफ दिख रही थी। कप्तान हीली ने 18 गेंदों में 30 रन, जबकि जॉर्जिया वोल्फ ने 68 गेंदों में 81 रन बनाए। इसके बाद आईं एलिस पेरी ने भी 68 रनों की अहम पारी खेली।
हालांकि दिन की सबसे बड़ी स्टार रहीं बेथ मूनी, जिन्होंने सिर्फ 75 गेंदों में 138 रनों की धमाकेदार शतकीय पारी खेली। उनकी इस पारी में 23 चौके और 1 छक्का शामिल था। अंत में एश्ले गार्डनर ने भी 24 गेंदों पर 39 रन बनाकर स्कोर को 400 के पार पहुंचा दिया। ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 47.5 ओवर में 412 रन बनाकर ऑलआउट हुई, लेकिन तब तक भारतीय गेंदबाजों और फील्डरों की हालत बेहद खराब हो चुकी थी।
भारत के नाम दर्ज हुआ अनचाहा रिकॉर्ड
ऑस्ट्रेलिया के 400 पार पहुंचते ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम के नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड जुड़ गया। वनडे इतिहास में यह पहली बार है जब भारतीय महिला टीम ने किसी मुकाबले में 400 से अधिक रन दिए हैं। इससे पहले भारत ने अधिकतम 371 रन विपक्षी टीम को दिए थे, जो अब तक का सबसे बड़ा स्कोर था। लेकिन इस मुकाबले ने उस रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। साथ ही, ऑस्ट्रेलिया ने अपने वनडे इतिहास के सर्वाधिक स्कोर (412 रन) की बराबरी कर ली, जो उसने 16 दिसंबर 1997 को डेनमार्क के खिलाफ बनाया था।
गेंदबाजी और फील्डिंग में पूरी तरह विफल रही टीम इंडिया
भारतीय महिला गेंदबाजी इकाई ने इस मुकाबले में बुरी तरह निराश किया। न तो कोई खास लाइन-लेंथ दिखी, न ही विकेट लेने की रणनीति। फील्डिंग में भी कई कैच और रनआउट के मौके गंवाए गए, जिससे दबाव और बढ़ता गया। इस तरह के प्रदर्शन से यह साफ है कि अगर भारतीय महिला टीम को 2025 विश्व कप में बेहतर करना है, तो उन्हें गेंदबाजी और फील्डिंग पर विशेष काम करना होगा।
इस मुकाबले ने भारत के लिए गंभीर चेतावनी का काम किया है। जहां एक ओर ऑस्ट्रेलिया की टीम आत्मविश्वास से भरपूर नजर आ रही है, वहीं भारतीय टीम को हर विभाग में सुधार करने की जरूरत है। आने वाले टूर्नामेंट्स और विश्व कप की तैयारी के लिहाज से यह प्रदर्शन चिंताजनक है। उम्मीद है कि टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ी इस हार से सबक लेकर वापसी करेंगे।

