Akhilesh Yadav: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्वाधीन गठबंधन (NDA) ने 2025 के उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में महाराष्ट्र के राज्यपाल चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन को चुना है। इस बात की जानकारी भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने दी। राधाकृष्णन एक अनुभवी राजनीतिक चेहरा हैं और लंबे समय से संघ और भाजपा से जुड़े रहे हैं। एनडीए द्वारा उम्मीदवार की घोषणा के बाद अब निगाहें विपक्षी INDIA गठबंधन पर टिक गई हैं कि वे किसे अपना उम्मीदवार बनाएंगे। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “उपराष्ट्रपति पद खाली है तो बनना ही था। एक उपराष्ट्रपति थे, वे कहां हैं? अब नए बन जाएंगे, अच्छी बात है। हम क्या फैसला लेंगे, यह अलग बात है।” हालांकि उन्होंने किसी संभावित नाम पर कुछ स्पष्ट नहीं किया।
गठबंधन की बैठक में तय होगा INDIA का प्रत्याशी
समाजवादी पार्टी के नेता अनुराग भदौरिया ने बताया कि एनडीए ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है, अब भारतीय गठबंधन (INDIA) आगे की रणनीति और संभावित उम्मीदवार को लेकर बैठक करेगा। उन्होंने कहा कि इस पर विचार-विमर्श जारी है और जल्द ही इस संबंध में जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।
तमिलनाडु की राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने वाले हैं राधाकृष्णन
67 वर्षीय सी. पी. राधाकृष्णन की पहचान एक कट्टर संघ विचारक के रूप में रही है। वह किशोरावस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और जनसंघ से जुड़ गए थे। 1998 और 1999 में उन्होंने तमिलनाडु के कोयंबटूर से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। हालांकि इसके बाद लगातार तीन बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उनके समर्थक उन्हें ‘तमिलनाडु का मोदी’ भी कहते हैं।
राजनीतिक सम्मान के चलते राज्यपाल की जिम्मेदारी
सी. पी. राधाकृष्णन को तमिलनाडु के सभी राजनीतिक दलों में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है, जिसके चलते भाजपा ने उन्हें कई राज्यों में राज्यपाल नियुक्त किया। 31 जुलाई 2024 को उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले वह झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं। झारखंड में कार्यकाल के दौरान उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था।
विपक्ष की राजनीति को साधने की कोशिश
राधाकृष्णन एक ओबीसी नेता हैं और उनकी उम्मीदवारी को भाजपा की रणनीति के तहत देखा जा रहा है। विश्लेषकों के अनुसार, यह फैसला विपक्ष के जातीय समीकरणों के जवाब में किया गया है ताकि OBC समुदाय को साधा जा सके। उनकी छवि साफ-सुथरी और प्रशासनिक अनुभव से भरपूर मानी जाती है।
तमिलनाडु से संबंध बनाए रखते हैं राधाकृष्णन
भले ही वे विभिन्न राज्यों में राज्यपाल रहे हों, लेकिन राधाकृष्णन तमिलनाडु से अपना जुड़ाव बनाए रखते हैं। हाल ही में उन्होंने तमिलनाडु का दौरा किया था, जहां उन्होंने कई सामाजिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन से भी शिष्टाचार मुलाकात की थी। एनडीए ने एक अनुभवी और व्यापक राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले नेता को उपराष्ट्रपति पद के लिए उतारा है। अब देखना होगा कि विपक्षी INDIA गठबंधन किस नाम पर सहमति बनाता है और यह चुनाव कितना दिलचस्प मोड़ लेता है।
