Commonwealth Games 2030: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में देश की राष्ट्रमंडल खेल 2030 की मेजबानी की दावेदारी को मंजूरी दे दी गई है। यह फैसला भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की सहमति के कुछ दिन बाद आया है। भारत ने आधिकारिक तौर पर इस आयोजन की मेजबानी की इच्छा जताने वाला पत्र भी जमा कर दिया है। दावेदारी की आखिरी तारीख 31 अगस्त है, जबकि आईओए अगले 48 घंटे के भीतर आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर सकता है।
अहमदाबाद को आदर्श मेजबान शहर बताया गया
कैबिनेट के बयान में अहमदाबाद को आदर्श मेजबान शहर बताया गया है, जहां विश्व स्तरीय स्टेडियम, अत्याधुनिक अभ्यास सुविधाएं और मजबूत खेल संस्कृति मौजूद है। खासतौर पर नरेंद्र मोदी स्टेडियम, जो दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है, इस आयोजन के लिए प्रमुख आकर्षण होगा। पिछले साल ही यहीं ICC क्रिकेट विश्व कप 2023 का फाइनल मैच हुआ था। अगर भारत की दावेदारी सफल होती है तो करीब 72 देशों के एथलीट इस आयोजन में भाग लेंगे।
सरकार ने दी आवश्यक गारंटी और सहयोग का आश्वासन
कैबिनेट ने संबंधित मंत्रालयों, विभागों और प्राधिकरणों को आवश्यक गारंटी के साथ मेजबान सहयोग समझौते (HCA) पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही गुजरात सरकार को अनुदान सहायता देने की भी मंजूरी दी गई है, ताकि खेल आयोजन के लिए पर्याप्त संसाधन मुहैया कराए जा सकें। यह निर्णय खेल मंत्रालय के प्रस्ताव के अनुरूप लिया गया है।
खेल आयोजन से आर्थिक और सामाजिक लाभ की उम्मीद
सरकार का कहना है कि इस तरह के बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजन से स्थानीय व्यवसायों को भी सीधा लाभ मिलेगा। खेलों की मेजबानी न केवल खेल उत्कृष्टता को बढ़ावा देगी, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, पर्यटन को गति मिलेगी और खेल विज्ञान, इवेंट मैनेजमेंट, लॉजिस्टिक्स, परिवहन, प्रसारण, आईटी तथा संचार जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाएं खुलेंगी।
कैबिनेट ने युवाओं को खेलों में बढ़ावा देने पर जोर दिया
मंत्रिमंडल के बयान में कहा गया है कि राष्ट्रमंडल खेलों जैसी विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी देश के लाखों युवाओं को खेलों में पेशेवर बनने के लिए प्रेरित करेगी। यह आयोजन पूरे देश में खेलों की लोकप्रियता और भागीदारी को भी बढ़ावा देगा। कैबिनेट ने इसे एक साझा राष्ट्रीय अनुभव बताया जो खेल संस्कृति को मजबूत करेगा।
अगर भारत की बोली सफल होती है, तो यह 2010 में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों के बाद देश के लिए दूसरा मौका होगा जब वह इस प्रतिष्ठित खेल आयोजन की मेजबानी करेगा। 2010 के खेलों ने देश में खेलों के प्रति जागरूकता और विकास में बड़ा योगदान दिया था। अब 2030 के खेलों को लेकर भी देश की तैयारियां जोरों पर हैं। देश के लिए राष्ट्रमंडल खेल 2030 की मेजबानी न केवल खेल के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि होगी, बल्कि यह आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। भारत की यह दावेदारी खेल प्रेमियों और युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोलने वाली है।

