India GDP Growth: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने वित्त वर्ष 2025-26 की जुलाई–सितंबर तिमाही (दूसरी तिमाही) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के तिमाही अनुमानों को जारी किया है। इन अनुमानों के अनुसार, वास्तविक जीडीपी (स्थिर कीमतों पर) 8.2% की बढ़ोतरी के साथ ₹48.63 लाख करोड़ रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की समान तिमाही में यह वृद्धि केवल 5.6% थी। नाममात्र जीडीपी (वर्तमान कीमतों पर) 8.7% बढ़कर ₹85.25 लाख करोड़ रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की ₹78.40 लाख करोड़ की तुलना में उल्लेखनीय है।
India GDP Growth: विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों के जीवीए का अनुमान
एनएसओ ने वित्त वर्ष 2023-24, 2024-25 और 2025-26 के लिए विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों के सकल मूल्य संवर्धन (GVA) के तिमाही और छमाही अनुमानों को भी जारी किया है। इन आंकड़ों में बेसिक प्राइसेज़ पर GVA के वर्ष-दर-वर्ष परिवर्तन और GDP के व्यय घटक शामिल हैं। वास्तविक GVA (स्थिर कीमतों पर) Q2 FY 2025-26 में ₹44.77 लाख करोड़ अनुमानित है, जो पिछले वर्ष के ₹41.41 लाख करोड़ के मुकाबले 8.1% अधिक है। नाममात्र GVA (वर्तमान कीमतों पर) 8.7% बढ़कर ₹77.69 लाख करोड़ रहने का अनुमान है।
India GDP Growth: तिमाही विकास दर का विश्लेषण
वास्तविक और नाममात्र दोनों ही आधारों पर वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में तेज वृद्धि देखी जा रही है। स्थिर कीमतों पर वास्तविक GDP और GVA दोनों में 8% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि वर्तमान कीमतों पर वृद्धि 8.7% के आसपास रही। यह संकेत है कि भारत की अर्थव्यवस्था निरंतर विस्तार की ओर बढ़ रही है और विभिन्न उद्योगों में उत्पादन एवं निवेश सक्रिय है।
वित्त वर्ष 2025-26 की छमाही में विकास
वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल–सितंबर अवधि (H1) के लिए वास्तविक GDP का अनुमान ₹96.52 लाख करोड़ लगाया गया है, जो H1 FY 2024-25 की तुलना में 8.0% अधिक है। नाममात्र GDP 8.8% की वृद्धि के साथ ₹171.30 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। इसी तरह, वास्तविक GVA (स्थिर कीमतों पर) ₹89.41 लाख करोड़ और नाममात्र GVA ₹155.94 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। इस आधार पर स्पष्ट होता है कि अर्थव्यवस्था की आधी वर्ष की वृद्धि मजबूत रही है।
आर्थिक संकेतक और व्यय घटक
एनएसओ के अनुमानों में GDP के व्यय घटक भी शामिल हैं, जो उपभोग, निवेश, निर्यात और आयात के आधार पर आर्थिक गतिविधियों का विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं। स्थिर कीमतों पर वृद्धि दर से यह पता चलता है कि वास्तविक उत्पादन में सुधार हुआ है, जबकि वर्तमान कीमतों पर वृद्धि मुद्रा स्फीति और मूल्य स्तर में बदलाव को भी दर्शाती है।वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही और H1 के अनुमानों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था में पिछले वर्ष की तुलना में स्पष्ट गति बढ़ी है। वास्तविक GDP और GVA दोनों में 8% से अधिक की वृद्धि दर्शाती है कि उत्पादन, निवेश और व्यय में स्थिर सुधार हुआ है। ये आंकड़े न केवल आर्थिक विस्तार का संकेत हैं, बल्कि नीति निर्धारकों के लिए भी मार्गदर्शन प्रदान करते हैं कि आर्थिक गतिविधियों को और सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं।
