UNESCO Heritage List 2025: भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और मान्यता मिली है। यूनेस्को की ‘विश्व धरोहर संभावित सूची’ (Tentative List of World Heritage Sites) में 7 नए भारतीय स्थलों को शामिल किया गया है। यह घोषणा 12 सितंबर को ‘इंडिया एट यूनेस्को’ ने अपने आधिकारिक एक्स (Twitter) हैंडल पर की।
यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि यह कदम भारत की विरासत संरक्षण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन स्थलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने से संबंधित प्रक्रिया का यह पहला चरण है।
कौन-कौन से स्थल हुए शामिल?
इन 7 नए स्थलों को यूनेस्को की संभावित विश्व धरोहर सूची में जोड़ा गया है:
डेक्कन ट्रैप्स (पंचगनी और महाबलेश्वर, महाराष्ट्र)
यह स्थल ज्वालामुखीय गतिविधियों से बने अद्वितीय भू-आकृतिक संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है। इसका भूवैज्ञानिक महत्व वैश्विक स्तर पर पहचाना गया है।
सेंट मैरी द्वीप समूह की भूवैज्ञानिक विरासत (उडुपी, कर्नाटक)
यहां के छत्तीनुमा बेसाल्ट स्तंभ (Columnar Basaltic Formations) लगभग 88 मिलियन वर्ष पुराने हैं, जो पृथ्वी के भूगर्भीय इतिहास को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
मेघालय युग की गुफाएँ (पूर्वी खासी हिल्स, मेघालय)
ये गुफाएं ‘मेघालय युग’ (Meghalayan Age) का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो पृथ्वी के जलवायु परिवर्तन और भूगर्भीय विकास के अध्ययन में महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
नागा हिल ओफियोलाइट (किफिर, नागालैंड)
इस स्थल पर पाए जाने वाले ओफियोलाइट्स पृथ्वी के मैन्टल और महासागरीय क्रस्ट की संरचना की झलक देते हैं। यह स्थल भूविज्ञान के शोध के लिए बेहद अहम है।
मट्टी डिबवालु युग की राष्ट्रीय विरासत (विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश)
मट्टी डिबवालु का यह क्षेत्र भारत के प्राचीन मानव इतिहास और पुरातात्विक खोजों के लिए जाना जाता है। यहां मानव बसावट के हजारों साल पुराने प्रमाण मिले हैं।
तिरुमाला हिल्स की प्राकृतिक विरासत (तिरुपति, आंध्र प्रदेश)
तिरुमाला की पहाड़ियां अपनी जैव विविधता, धार्मिक महत्व और भौगोलिक विशेषताओं के कारण विशिष्ट हैं। यह क्षेत्र प्रकृति और आध्यात्म का अद्भुत संगम है।
वर्कला की प्राकृतिक विरासत (केरल)
वर्कला की लाल बलुआ पत्थर की चट्टानें (Cliffs) अरब सागर के किनारे एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती हैं। यह स्थल भू-आकृतिक संरचना और समुद्री पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण है।
अब कुल 69 भारतीय स्थल संभावित सूची में
इन 7 नए स्थलों के जुड़ने के साथ ही भारत के संभावित विश्व धरोहर स्थलों की संख्या अब 69 हो गई है। इसका मतलब यह है कि ये सभी स्थल भविष्य में यूनेस्को की अंतिम विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने के लिए पात्र हो सकते हैं, बशर्ते वे सभी मापदंडों को पूरा करें।
क्या है यूनेस्को की संभावित सूची?
यूनेस्को की Tentative List वह प्रारंभिक सूची होती है जिसमें सदस्य देश ऐसे स्थलों को नामांकित करते हैं जिन्हें वे भविष्य में विश्व धरोहर सूची में शामिल कराना चाहते हैं। यह पहला जरूरी कदम होता है, जिसके बाद विस्तृत मूल्यांकन और निरीक्षण की प्रक्रिया शुरू होती है।
भारत की यह उपलब्धि उसकी समृद्ध विरासत और जैव-भूगोल के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बढ़ती मान्यता को दर्शाती है। ये स्थल न केवल भारत की विविधता और पुरातनता को उजागर करते हैं, बल्कि पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में भी नए अवसर पैदा करेंगे। आने वाले समय में इनमें से कई स्थल अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान हासिल कर सकते हैं।
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