India Monsoon 2025: साल 2025 में मानसून ने भारत पर अपना जोरदार असर दिखाया है। 1 जून से 2 सितंबर तक देशभर में 780.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य 721.1 मिमी से करीब 8% अधिक है, यह सामान्य मानसून नहीं, बल्कि रिकॉर्ड तोड़ने वाला और तबाही मचाने वाला साबित हो रहा है। खास तौर पर अगस्त 2025 का महीना ऐतिहासिक रहा, जब दिल्ली और उत्तर भारत में रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई। 1901 के बाद यह 13वां सबसे ज्यादा बारिश वाला अगस्त महीना रहा। उत्तर भारत, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और बिहार जैसे राज्यों में भारी वर्षा के कारण बाढ़, भूस्खलन और जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया।
दिल्ली में भी एक दशक के बारिश का रिकॉर्ड टूट गया। सड़कों पर पानी भर गया, यातायात जाम हो गया और कई क्षेत्रों में जलभराव की गंभीर समस्या देखने को मिली।
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क्यों हो रही ज्यादा बारिश? 
मानसून ट्रफ और अरब सागर से बंगाल की खाड़ी तक ट्रफ लाइन, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस असामान्य बारिश के पीछे वैज्ञानिक कारण बताए हैं। इस साल मानसून ट्रफ अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण में बनी हुई है, जिससे ये ज्यादा बारिश ला रही है। यह ट्रफ निचले ट्रोपोस्फेरिक लेवल तक फैली है, जिसके चलते व्यापक क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है। साथ ही एक दूसरी ट्रफ लाइन उत्तर पूर्वी अरब सागर से उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक बनी है, जिसने देशभर में बारिश के पैटर्न को बदल कर रख दिया है। इन दोनों ट्रफ सिस्टमों की वजह से बारिश सामान्य से अधिक हो रही है और लगातार जारी है जिससे कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
जानें कहां कहां जारी है अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 4 से 10 सितंबर तक कई राज्यों में भारी से अति भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। गुजरात 4-6 सितंबर, सौराष्ट्र और कच्छ 6-7 सितंबर, कोकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र 4-6 सितंबर, मराठवाड़ा 4 सितंबर, उत्तर भारत के राज्य राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, यूपी, चंडीगढ़ 4-10 सितंबर, मध्य भारत मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओडिशा 4-6 सितंबर, पूर्वोत्तर भारत असम, मेघालय, मिज़ोरम, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश 4-10 सितंबर, दक्षिण भारत केरल, माहे, तमिलनाडु 4, 8-9 सितंबर, साथ ही, बिजली गिरने और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना भी जताई गई है।
बारिश का प्रभाव
मानसून ने जहां कृषि क्षेत्र को राहत प्रदान की है, वहीं दूसरी ओर भारी तबाही भी मचाई है। कई राज्यों में फसलें खराब, सड़कों का टूटना, घर गिरना और नदियों के उफान की खबरें हैं। हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन और सड़कें बंद होने जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं। बिहार और पंजाब के निचले क्षेत्रों में बाढ़ के कारण लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। दिल्ली-NCR में लगातार बारिश से जलजमाव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं।


