India Pakistan Tension: 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने सीमापार आतंकवादी अड्डों पर लगातार हमले किए हैं। पाकिस्तान की ओर से की जा रही जवाबी कार्रवाई का भी भारतीय सुरक्षा बल मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।
भारत के एक्शन पर दुनिया की निगाह
भारत के सशस्त्र सैन्य कार्रवाई पर वैश्विक समुदाय की नजर बनी हुई है। इस बीच, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर दुनिया भर के नेताओं से लगातार संपर्क में हैं। भारत यह स्पष्ट कर चुका है कि उसकी कार्रवाई केवल आतंकी ठिकानों को लक्षित करने तक सीमित है।
इस्लामाबाद में बैठक की अटकलें
भारत की सैन्य कार्रवाई के बीच सऊदी अरब के उप विदेश मंत्री आदिल अल-जुबैर ने अचानक नई दिल्ली आकर डॉ. जयशंकर से मुलाकात की। वहीं, खबरें हैं कि सऊदी विदेश मंत्री इस्लामाबाद का दौरा कर सकते हैं। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर बताया कि बैठक में पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर भारत की कार्रवाई को लेकर चर्चा हुई।
आतंक के खिलाफ भारत का स्पष्ट रुख
डॉ. जयशंकर ने आदिल अल-जुबैर के साथ बैठक के बाद कहा कि भारत आतंकवाद से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा और उसका सामना मजबूती से करेगा। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह भरोसा दिलाया है कि वह किसी सैन्य उकसावे की शुरुआत नहीं कर रहा, बल्कि केवल आतंक का जवाब दे रहा है।
ईरान के विदेश मंत्री भी भारत दौरे पर
इन कूटनीतिक प्रयासों के बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची पहले से तय कार्यक्रम के तहत नई दिल्ली पहुंचे। उनकी यात्रा भी भारत-पाक तनाव के संदर्भ में अहम मानी जा रही है।
अमेरिका और यूरोप को भारत का स्पष्ट संदेश
गुरुवार रात जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत कर भारत का रुख साफ किया। उन्होंने कहा, “भारत अपने नागरिकों और क्षेत्र पर किसी भी प्रकार के आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और ठोस जवाब देगा।” जयशंकर ने यूरोपीय संघ की महासचिव काजा कालास से भी चर्चा की और कहा कि भारत संयमित रहते हुए केवल आतंकी बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहा है।
इटली के विदेश मंत्री से भी चर्चा
विदेश मंत्री ने इटली के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी के साथ टेलीकॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत आतंकवाद पर लक्षित कार्रवाई कर रहा है और किसी भी प्रकार की सैन्य वृद्धि या उकसावे का कड़ा जवाब दिया जाएगा।
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