India Singapore Ties: जब दुनिया टैरिफ की राजनीति में उलझी हुई है, भारत ने सिंगापुर के साथ रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करते हुए पांच बड़ी डील्स पर दस्तखत किए हैं। जहां अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों में टैरिफ को लेकर तनातनी बनी हुई है, वहीं भारत ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपने सबसे भरोसेमंद साझेदार सिंगापुर के साथ भविष्य की दिशा तय कर दी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच हुई यह मुलाकात सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि रणनीतिक, तकनीकी और वैश्विक सहयोग के नए अवसरों को जन्म देने वाली है।
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“सिंगापुर एक्ट ईस्ट पॉलिसी का अहम स्तंभ”
मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,“सिंगापुर हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का अहम स्तंभ है। यह साझेदारी सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं, बल्कि साझा मूल्यों और विश्वास पर आधारित है।”वहीं, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने कहा कि“एक अनिश्चित और बदलती दुनिया में भारत-सिंगापुर साझेदारी पहले से कहीं ज्यादा प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है।”
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मिलकर किया मुंबई पोर्ट के दूसरे चरण का उद्घाटन
दोनों नेताओं ने मिलकर मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT) में बने भारत मुंबई कंटेनर टर्मिनल के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। इस प्रोजेक्ट में सिंगापुर की कंपनी PSA इंटरनेशनल ने 1 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है। यह परियोजना भारत की लॉजिस्टिक क्षमता को और मजबूत करेगी।
भविष्य का रोडमैप: भारत-सिंगापुर की 5 बड़ी डील्स
डिजिटल एसेट इनोवेशन
RBI और सिंगापुर की मॉनेटरी अथॉरिटी के बीच समझौता।
क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स और डिजिटल बैंकिंग चैनल्स को मजबूती मिलेगी।
एविएशन ट्रेनिंग और रिसर्च
भारत की AAI और सिंगापुर की सिविल एविएशन अथॉरिटी के बीच साझेदारी।
एविएशन सेक्टर की ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और रिसर्च पर काम होगा।
ग्रीन एंड डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर
शून्य उत्सर्जन ईंधन और स्मार्ट पोर्ट टेक्नोलॉजी पर संयुक्त कार्य।
भारत-सिंगापुर मिलकर बनाएंगे ग्रीन मरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर।
मैन्युफैक्चरिंग स्किलिंग सेंटर
चेन्नई में नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्किलिंग की स्थापना।
मेक इन इंडिया मिशन को मिलेगी नई रफ्तार।
स्पेस कोलैबोरेशन
भारत और सिंगापुर के बीच अंतरिक्ष अनुसंधान और लॉन्चिंग में सहयोग बढ़ेगा।
भारत अब तक 20 से ज्यादा सिंगापुर के सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है।
भारत के लिए सिंगापुर की भूमिका क्यों है खास?
लगातार 7 सालों से सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा FDI निवेशक रहा है।
दोनों देशों के बीच अब तक का कुल निवेश 170 अरब डॉलर के करीब है।
वर्ष 2004-05 में भारत-सिंगापुर व्यापार 6.7 अरब डॉलर था, जो 2024-25 में बढ़कर 35 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
सिंगापुर को भारत ASEAN देशों से जोड़ने वाले ब्रिज की तरह देखता है। इसी को ध्यान में रखते हुए दोनों देश CECA (Comprehensive Economic Cooperation Agreement) और AITIGA (ASEAN-India Trade in Goods Agreement) की पुनरावृत्ति और समीक्षा पर जल्द कार्य शुरू करेंगे।
