India-Turkey Relations:भारत ने तुर्की को एक बड़ा झटका देते हुए नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) द्वारा तुर्की की हवाई अड्डे की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी, सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। यह कदम भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से उठाया गया है और इससे तुर्की के साथ संबंधों में एक नई जटिलता पैदा हो सकती है। बीसीएएस ने इस मामले में एक आधिकारिक पत्र जारी किया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि यह निर्णय देश की सुरक्षा के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
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तुर्की की सुरक्षा मंजूरी रद्द होने का कारण
नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने तुर्की की कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी को रद्द करते हुए एक पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए यह निर्णय लिया गया है। सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द होने से तुर्की को एक बड़ा झटका लगा है क्योंकि अब उसकी हवाई अड्डे पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं में कोई भी भारतीय नागरिक उड़ान भरने या इन सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे। यह निर्णय तब लिया गया जब तुर्की ने पाकिस्तान जैसे आतंकवाद से प्रभावित देशों का समर्थन किया है, जो भारत के लिए चिंता का विषय है।
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तुर्की का पाकिस्तान से समर्थन
पाकिस्तान, जो कि आतंकवाद का एक प्रमुख गढ़ माना जाता है, को तुर्की की ओर से खुला समर्थन मिलने से भारत के लिए सुरक्षा के मामले में यह कदम उठाना अनिवार्य हो गया। तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने और भारतीय सुरक्षा चिंताओं के बढ़ने के कारण भारत ने तुर्की की कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी। इस कार्रवाई से भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा और किसी भी स्थिति में अपने हितों की रक्षा करेगा।
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शांति वार्ता के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति का तुर्की दौरा
इस बीच, तुर्की में शांति वार्ता के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की अंकारा पहुंचे हैं। जेलेंस्की के साथ एक उच्चस्तरीय यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल भी तुर्की की राजधानी में मौजूद है। वहीं, रूस का एक प्रतिनिधिमंडल भी इस्तांबुल पहुंच चुका है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस वार्ता में शामिल नहीं हैं, बल्कि उनके करीबी सहयोगी व्लादिमीर मेदिंस्की इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इस वार्ता का उद्देश्य यूक्रेन-रूस संघर्ष के समाधान के लिए शांति स्थापित करना है, लेकिन इसके बावजूद तुर्की के साथ भारत के रिश्तों में तनाव बना हुआ है।