India US Relations: भारत और अमेरिका के बीच संबंध हाल के वर्षों में जिस तरह कमजोर हुए हैं, उसे लेकर अमेरिकी पेंटागन के एक पूर्व अधिकारी ने गंभीर टिप्पणी की है। उनके अनुसार, दोनों देशों के रिश्ते उस स्तर तक पहुंच गए हैं, जिसे “सबसे खराब” कहा जा सकता है। यह गिरावट, उनके मुताबिक, पाकिस्तान की ओर से की गई कथित “रिश्वत” और “चापलूसी” का परिणाम है, जिसने अमेरिकी नेतृत्व को प्रभावित किया। पूर्व अधिकारी का दावा है कि इसी कारण वर्षों से मजबूत रहे भारत-अमेरिका संबंध डगमगा गए।
India US Relations: ट्रंप की नीतियां जिम्मेदार-माइकल रूबिन
पेंटागन में कार्य कर चुके मध्य एशिया और मध्य पूर्व मामलों के विशेषज्ञ माइकल रूबिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के फैसलों ने न केवल भारत-अमेरिका संबंधों को कमजोर किया है, बल्कि कई अमेरिकी नागरिक भी उनके कदमों से “हैरान और असंतुष्ट” हैं। रूबिन ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में दावा किया कि पाकिस्तान की रणनीति और उसके द्वारा की गई कथित खुशामद ने ट्रंप प्रशासन को भारत से दूर करने में भूमिका निभाई।
India US Relations: पाकिस्तान की ‘चापलूसी और लाभ’ की बात दोहराई
रूबिन ने आगे कहा कि अमेरिका में कई लोग यह समझना चाहते हैं कि आखिर ट्रंप को भारत से दूरी बनाने के लिए क्या प्रेरित कर रहा है। उनके अनुसार, “संभावना है कि पाकिस्तान या तुर्की–कतर में उसके समर्थकों की ओर से की गई चापलूसी और संभवतः कुछ आर्थिक लाभ” इसके पीछे कारण हो सकते हैं। उन्होंने इसे “विनाशकारी रिश्वत” जैसा बताया, जो आने वाले वर्षों में अमेरिका के लिए रणनीतिक तौर पर बड़ी हानि का कारण बन सकती है।रूबिन का कहना है कि सत्ता में दोबारा आने के बाद ट्रंप ने पाकिस्तान से संबंध सुधारने में गहरी रुचि दिखाई है। इसी कड़ी में इस वर्ष पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर की व्हाइट हाउस यात्रा का उल्लेख किया गया, जहां उन्होंने ट्रंप को “दुर्लभ खनिजों के नमूने” उपहार में दिए थे।
रूस-भारत नजदीकी पर भी ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया
पूर्व अधिकारी ने कहा कि हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा भी ट्रंप प्रशासन की “अक्षमता” का परिणाम है। उन्होंने बताया कि अमेरिका स्वयं रूस से तेल आयात कर रहा है, लेकिन भारत को ऐसा न करने की सलाह देना “दोहरा मापदंड” है।ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत से आयातित रूसी कच्चे तेल पर 50% टैरिफ लगाने पर भी रूबिन ने नाराज़गी जताई। उनका कहना है कि इससे भारत को अनुचित रूप से दोषी ठहराया जा रहा है, जबकि वह अपने भू-राजनीतिक और आर्थिक हितों के आधार पर निर्णय ले रहा है।
अमेरिकी जनता में ट्रंप के प्रति बढ़ी नाराज़गी
रूबिन के अनुसार, अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप की लोकप्रियता लगातार घट रही है। उन्होंने एक हालिया सर्वेक्षण का हवाला देते हुए दावा किया कि करीब 65% अमेरिकी अब ट्रंप को पसंद नहीं करते। उनके अनुसार, ट्रंप अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करते, लेकिन पुतिन की भारत यात्रा और भारत-अमेरिका संबंधों में आई दूरी स्पष्ट रूप से उनकी नीतिगत विफलताओं की ओर संकेत करती है।
रूबिन की टिप्पणी ने छेड़ी नई बहस
माइकल रूबिन के इन बयानों ने अमेरिकी और भारतीय विश्लेषकों के बीच नई बहस छेड़ दी है। जहां कुछ विशेषज्ञ उनके आकलन को गंभीरता से ले रहे हैं, वहीं अन्य इसे राजनीतिक बयानबाज़ी बताते हैं। हालांकि, एक बात स्पष्ट है—भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर हालिया घटनाक्रम का असर पड़ा है, और आने वाले समय में दोनों देशों की कूटनीतिक दिशा अंतरराष्ट्रीय राजनीति का महत्वपूर्ण विषय बनी रहेगी।
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