India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों को लेकर एक बार फिर से सकारात्मक संकेत मिले हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ट्रेड डील पर बातचीत शुरू करने के ऐलान के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। दोनों नेताओं के बयानों से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत-अमेरिका व्यापार साझेदारी को नई दिशा देने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
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ट्रंप की पोस्ट के जवाब में बोले पीएम मोदी
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा था कि अमेरिका और भारत व्यापार में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए फिर से ट्रेड डील पर चर्चा शुरू कर रहे हैं। इस पर पीएम मोदी ने भी एक्स पर पोस्ट के जरिए जवाब देते हुए लिखा:”भारत और अमेरिका न सिर्फ करीबी दोस्त हैं, बल्कि प्राकृतिक साझेदार भी हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि इस व्यापार वार्ता से दोनों देशों की साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकेगा। हमारी टीमें इस पर काम कर रही हैं और मैं राष्ट्रपति ट्रंप से आगे की बातचीत को लेकर उत्सुक हूं।”
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ट्रंप ने क्या कहा?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा,”मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक असमानताओं को दूर करने के लिए ट्रेड डील पर बातचीत दोबारा शुरू हो गई है। मैं आने वाले हफ्तों में अपने दोस्त प्रधानमंत्री मोदी से व्यक्तिगत रूप से चर्चा करने की योजना बना रहा हूं। मुझे विश्वास है कि इस डील में कोई बड़ी अड़चन नहीं आएगी।”
भारत पर टैरिफ को लेकर उठा सवाल
हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप के इस दोस्ताना बयान के बीच यह भी उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने हाल ही में भारत पर 50% तक का आयात शुल्क (टैरिफ) लागू किया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी हो चुका है। ट्रंप का तर्क है कि भारत रूस से सस्ते दामों में कच्चा तेल खरीद रहा है और वह रूस-यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दे रहा है, जिससे वैश्विक स्तर पर चिंता बनी हुई है।
आगे क्या?
इन बयानों से यह संकेत मिलता है कि दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को फिर से मजबूत करने का प्रयास जारी है। भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते से न केवल आर्थिक लाभ होंगे, बल्कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूती मिलेगी।अभी यह स्पष्ट नहीं है कि टैरिफ से संबंधित मुद्दों पर कोई समझौता होगा या नहीं, लेकिन जिस तरह से दोनों नेताओं ने खुले तौर पर वार्ता की इच्छा जताई है, उससे उम्मीद की जा रही है कि आगामी हफ्तों में ठोस निर्णय लिए जा सकते हैं।
