India vs Pakistan: एशिया कप के फाइनल में तिलक वर्मा ने शानदार नाबाद 69 रन बनाकर भारत को जीत की ओर ले गए। पाकिस्तान ने शुरुआत में अच्छी पकड़ बनाई थी, 20 रन पर 3 विकेट गिराकर भारतीय गेंदबाजों को चुनौती दी थी। लेकिन तिलक ने अंधाधुंध नहीं बल्कि समझदारी से खेलते हुए 53 गेंदों में 4 छक्के और 3 चौकों की मदद से पारी संभाली और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। मैच के बाद दुबई के मैदान पर तिलक ने अपनी जीत का जश्न शेर की दहाड़ के साथ मनाया, लेकिन फाइनल होने के बावजूद पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया।
भारत-पाकिस्तान के बीच फाइनल में भी नहीं हुआ हैंडशेक
आपको बता दे कि, मैच खत्म होने के बाद तिलक वर्मा ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया, जो कि पिछले दोनों मुकाबलों में भी देखा गया था। ग्रुप स्टेज और सुपर-4 मुकाबलों में भी भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तान टीम के खिलाड़ियों से हैंडशेक नहीं किया था, जिसके कारण दोनों देशों के बीच विवाद भी हुआ था। फाइनल में भी यही स्थिति बनी रही और दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच कोई भी पारंपरिक सम्मान का आदान-प्रदान नहीं हुआ।
पाकिस्तान की कड़ी टक्कर
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए अच्छी शुरुआत की। साहिबजादा फरहान ने 57 और फखर जमां ने 46 रन बनाए। लेकिन टीम का मिडिल ऑर्डर पूरी तरह से टूट गया और 2 विकेट पर 100 रन के बाद 146 रन पर पूरी टीम ऑलआउट हो गई। भारतीय गेंदबाजों में कुलदीप यादव ने 4 विकेट लिए, जबकि अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह और वरुण चक्रवर्ती ने 2-2 विकेट हासिल किए। पाकिस्तान की यह कमजोर बल्लेबाजी भारत के लिए निर्णायक साबित हुई।
तिलक वर्मा ने संभाला मोर्चा
भारत की शुरुआत कुछ खास नहीं रही, तीन टॉप ऑर्डर बल्लेबाज जल्दी आउट हो गए। अभिषेक शर्मा 5, शुभमन गिल 12 और सूर्यकुमार यादव सिर्फ 1 रन बनाकर पवेलियन लौटे। इस समय लगा कि मैच भारत के हाथ से निकल सकता है। लेकिन तिलक वर्मा ने संजू सैमसन के साथ मिलकर 57 रन की साझेदारी की। संजू के आउट होने के बाद शिवम दुबे के साथ 60 रन की साझेदारी ने भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
रिंकू सिंह ने लगाया मैच विनिंग शॉट
टीम इंडिया ने 147 रनों का पीछा करते हुए 5 विकेट से जीत दर्ज की। मैच का निर्णायक शॉट रिंकू सिंह ने लगाया, जो पूरे टूर्नामेंट में उनकी पहली गेंद थी। यह भारत का नौवां एशिया कप खिताब है। इस जीत ने भारत की टीम को एशिया कप में सबसे सफल टीम के तौर पर स्थापित कर दिया। खिलाड़ियों की बेहतरीन टीम वर्क और तिलक वर्मा की सूझ-बूझ भरी पारी इस जीत की बड़ी वजह बनी।
फाइनल मैच में तिलक वर्मा की कप्तानी जैसी पारी और भारत के गेंदबाजों की कसी हुई गेंदबाजी ने पाकिस्तान के सभी ख्वाबों को चकनाचूर कर दिया। दोनों टीमों के बीच जारी तनातनी और हैंडशेक न होने की स्थिति ने इस मुकाबले को राजनीतिक रूप भी दे दिया। अंततः भारत ने अपनी दमदार खेल से एशिया कप खिताब पर कब्जा जमाया।
