Alaska Summit 2025: अलास्का में 15 अगस्त 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई शिखर बैठक को भारत ने सकारात्मक कदम बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत इस शांति प्रयास का स्वागत करता है और इसे सराहनीय नेतृत्व माना है। उन्होंने कहा कि दुनिया युद्ध के अंत की जल्दी से जल्दी चाहती है और इसके लिए बातचीत और कूटनीति ही रास्ता है।
तीन घंटे चली बैठक में कोई समझौता नहीं
ट्रंप और पुतिन के बीच करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस वार्ता की, जिसमें किसी प्रकार का कोई समझौता घोषित नहीं किया गया। दोनों नेताओं ने सवालों के जवाब देने से भी बचाव किया। ट्रंप ने इस बैठक को उपयोगी बताया, हालांकि अमेरिका ने हाल ही में रूस से तेल आयात को लेकर भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए हैं। बैठक से पहले ट्रंप ने कहा था कि भारत पर टैरिफ के कारण रूस ने एक महत्वपूर्ण ग्राहक खो दिया है।
ट्रंप ने बैठक को बताया बेहद उपयोगी
अलास्का में बैठक के बाद ट्रंप ने कहा, “हमें उम्मीद है कि हमारी बातचीत से हम समाधान के करीब पहुंचेंगे और यूक्रेन में शांति स्थापित होगी। यह बैठक काफी उपयोगी रही और कई मुद्दों पर सहमति बनी है।” उन्होंने कहा कि अभी कुछ बड़े समझौतों तक पहुंचना बाकी है, लेकिन उस दिशा में प्रगति हो रही है।
ट्रंप ने रहस्यमय अंदाज में जताई उम्मीद
ट्रंप ने बैठक के परिणामों को लेकर रहस्यमय अंदाज में कहा, “हम अभी तक कुछ महत्वपूर्ण समझौतों तक नहीं पहुंच पाए हैं, लेकिन उनकी संभावना बहुत अच्छी है। हमने प्रगति की है और विश्वास है कि जल्द ही वहां पहुंचेंगे।” उन्होंने इस संकेत से चर्चा बढ़ा दी है कि आगे भी बातचीत जारी रहेगी और कई अहम मुद्दे सुलझाए जा सकते हैं।
भारत ने अलास्का शिखर सम्मेलन को शांति की दिशा में सकारात्मक कदम माना है, जबकि अमेरिका और रूस की बैठक से फिलहाल कोई ठोस समझौता सामने नहीं आया है। दोनों देश भविष्य में कूटनीतिक प्रयासों को जारी रखेंगे, जिससे यूक्रेन संकट के समाधान की उम्मीद बनी हुई है।

