Indian Constitution Day 2025: हर साल 26 नवंबर को पूरे देश में संविधान दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय लोकतंत्र की नींव और हमारे संविधान की महानता को याद करने का अवसर है। इसी खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के नाम एक भावनात्मक चिट्ठी लिखी। इस पत्र में उन्होंने संविधान के प्रति अपनी श्रद्धा और व्यक्तिगत अनुभव साझा किए।
Indian Constitution Day 2025: संविधान के निर्माता कौन? जानें भारत के संविधान से जुड़े अनसुने फैक्ट्स
साधारण परिवार से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने राजनीतिक जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह हमारे संविधान की ताकत है जिसने एक साधारण और आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार से आने वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनने का अवसर दिया। उन्होंने बताया कि बीते 24 वर्षों से वे लगातार सरकार का मुखिया बने हुए हैं और यह केवल संविधान की शक्ति और लोकतांत्रिक व्यवस्था की वजह से संभव हो पाया है।
संसद में पहला कदम
मोदी ने अपने पत्र में 2014 के उस पल को याद किया जब वे पहली बार संसद पहुंचे थे। उन्होंने लोकतंत्र के इस सबसे बड़े मंदिर की सीढ़ियों को छूकर सिर झुकाया था। यह उनके लिए केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान के प्रति गहरी श्रद्धा का प्रतीक था।
2019 का अनुभव
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा कि 2019 में चुनाव परिणाम आने के बाद जब वे संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में पहुंचे, तो उन्होंने संविधान को सम्मान स्वरूप अपने माथे पर लगाया। यह उनके लिए केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश की आत्मा और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक था।
संविधान ने दिया सपने देखने की ताकत
मोदी ने कहा कि भारतीय संविधान ने न केवल उन्हें, बल्कि देश के करोड़ों नागरिकों को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की ताकत दी है। यह संविधान ही है जिसने हर व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने बताया कि यह दस्तावेज साधारण नागरिकों को भी बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने का साहस देता है।
लोकतंत्र की शक्ति का प्रतीक
प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय संविधान केवल कानूनों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की शक्ति और देश की आत्मा का प्रतीक है। यह हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार देता है।
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