Telangana youth shot dead:तेलंगाना के महबूबनगर जिले के निवासी निजामुद्दीन की अमेरिका में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। यह खबर जैसे ही भारत में उनके परिवार तक पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों ने अब भारत सरकार और तेलंगाना राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि उनके बेटे का शव जल्द से जल्द भारत लाने में मदद की जाए।निजामुद्दीन वर्ष 2016 में उच्च शिक्षा के उद्देश्य से अमेरिका गए थे। उन्होंने फ्लोरिडा स्थित एक कॉलेज में दाखिला लिया था और वहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी शुरू की।
कोर्स के बाद नौकरी और फिर पदोन्नति
परिवार ने जानकारी दी कि पढ़ाई पूरी करने के बाद निजामुद्दीन को एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिली। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने जल्दी ही कंपनी में पदोन्नति भी प्राप्त की। इसके बाद उन्हें कैलिफोर्निया स्थानांतरित कर दिया गया, जहां वे पिछले कुछ समय से कार्यरत थे।हालांकि, यह उज्ज्वल करियर और संघर्ष से भरा सफर एक हिंसक वारदात में समाप्त हो गया। उन्हें एक अज्ञात हमलावर द्वारा गोली मार दी गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
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परिवार की अपील
निजामुद्दीन के परिजन इस हादसे से बेहद दुखी हैं और भारत सरकार एवं तेलंगाना सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनके बेटे का शव जल्द से जल्द भारत लाया जाए, ताकि वे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी कर सकें। परिवार ने विदेश मंत्रालय से भी संपर्क साधने की कोशिश की है और उम्मीद जताई है कि सरकार इस दुख की घड़ी में उनकी मदद करेगी।
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स्थानीय प्रशासन और भारतीय दूतावास से संपर्क
सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार ने अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास को इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर यह जानकारी एकत्र की जा रही है कि यह हमला व्यक्तिगत दुश्मनी, लूटपाट या नस्लीय हिंसा से जुड़ा था या नहीं। फिलहाल, अमेरिकी पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
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सांत्वना के साथ उठे कई सवाल
निजामुद्दीन की इस दुखद मौत ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अमेरिका जैसे विकसित देश में रहने वाले भारतीय छात्रों और पेशेवरों की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीरता बरती जा रही है। इससे पहले भी कई भारतीय युवाओं की विदेशों में इस तरह से जान जा चुकी है।परिजन और समाज के लोग अब सरकार से न्याय और सहायता की अपेक्षा कर रहे हैं।

