IndiGo Crisis: शीर्ष सरकारी सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार इंडिगो एयरलाइन के खिलाफ अभूतपूर्व कार्रवाई करने की योजना बना रही है। इसके तहत कंपनी के सीईओ पीटर एल्बर्स को हटाने की तत्काल मांग की जा रही है। साथ ही, एयरलाइन पर भारी आर्थिक जुर्माना लगाने का विकल्प भी मंत्रालय के पास है। अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया है कि उड़ानों की संख्या में कटौती पर विचार किया जा रहा है, जो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन के खिलाफ अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई हो सकती है।
IndiGo Crisis: उड़ानों के रद्द होने से बढ़ी अफरा-तफरी
इंडिगो द्वारा बड़े पैमाने पर फ्लाइट रद्द करने के कारण देशभर में यात्रियों में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया है। इस समय यात्रियों को अपनी यात्रा योजना बदलने और आर्थिक नुकसान उठाने की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि एयरलाइन को शाम 6 बजे मंत्रालय में तलब किया गया है और इस मामले की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को भी दे दी गई है।
IndiGo Crisis: अन्य एयरलाइंस के किराया बढ़ाने पर मंत्रालय की प्रतिक्रिया
फ्लाइट कैंसिलेशन के बाद कई अन्य विमानन कंपनियों ने भी टिकट के दाम बढ़ा दिए, जिससे यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गईं। इस स्थिति को देखते हुए, उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइन की किराया नीति को नियंत्रित करने के लिए अपने नियामक अधिकारों का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। मंत्रालय का उद्देश्य यात्रियों को अत्यधिक कीमतों और अवसरवादी प्रैक्टिस से बचाना है।केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मामले की पुष्टि की। उन्होंने लिखा, “यात्रियों को किसी भी तरह की गलत प्राइसिंग से बचाने के लिए, मिनिस्ट्री ने सभी प्रभावित रूट्स पर सही और वाजिब किराया तय करने के लिए अपनी रेगुलेटरी पावर का इस्तेमाल किया है।”
किराए पर निगरानी और उल्लंघन पर कार्रवाई
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मंत्रालय रियल-टाइम डेटा और एयरलाइंस तथा ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म के साथ सक्रिय समन्वय करके किराए के स्तर पर कड़ी निगरानी रखेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि तय नियमों से किसी भी तरह का उल्लंघन होने पर मंत्रालय बड़े जनहित में तुरंत सुधारात्मक कदम उठाएगा।सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह कदम न केवल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, बल्कि बाजार में मूल्य अनुशासन बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है। मंत्रालय का लक्ष्य यह है कि संकट के समय कोई एयरलाइन अवसरवादी कीमतों का लाभ न उठाए और जनता का आर्थिक शोषण न हो।
इंडिगो पर कड़ी कार्रवाई का संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सीईओ को हटाने और आर्थिक जुर्माना लगाने जैसी कार्रवाई होती है, तो यह इंडिगो के लिए इतिहास की सबसे सख्त कार्रवाई साबित होगी। साथ ही, उड़ानों की संख्या में कटौती जैसे विकल्प से एयरलाइन की परिचालन क्षमता पर भी सीधा असर पड़ सकता है। यह कार्रवाई न केवल इंडिगो को चेतावनी देने के लिए है, बल्कि पूरी विमानन इंडस्ट्री को नियमों का पालन करने के लिए सख्ती से संदेश देने का भी एक तरीका है।
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