Indigo Crisis: 8 दिसंबर 2025 को भी इंडिगो की उड़ान सेवाएं पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौट पाई हैं। सोमवार को इंडिगो ने 1800 से अधिक उड़ानें संचालित की, हालांकि इससे पहले 1 से 7 दिसंबर के बीच बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द हो गईं थीं। इस संकट के दौरान फंसे हुए यात्रियों की मदद के लिए इंडिगो ने 9,500 से ज्यादा होटल कमरे, 10,000 से अधिक कैब और बसों की व्यवस्था की। साथ ही, कंपनी ने 4,500 से ज्यादा बैग यात्रियों को वापस लौटा दिए, और बाकी बैग अगले 36 घंटों में पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
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रिफंड का काम जारी
इंडिगो ने अब तक लगभग 827 करोड़ रुपये का रिफंड यात्रियों को दिया है, और 15 दिसंबर तक जिन उड़ानों को रद्द किया गया है, उनका बाकी रिफंड भी प्रोसेस में है। इसके बावजूद, कई यात्रियों को अभी भी उड़ान रद्द होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार ने सीईओ को तलब किया

सरकार ने इंडिगो संकट को लेकर गंभीर रुख अपनाया है और एविएशन मिनिस्ट्री के अधिकारी और डीजीसीए के अधिकारी मंगलवार (9 दिसंबर 2025) को इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स से मिलकर मामले की पूछताछ करेंगे। इसके बाद, नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू 9 दिसंबर को सुबह 12 बजे लोकसभा में इस मुद्दे पर बयान देंगे। नायडू ने कहा है कि इस मामले में जो भी निष्कर्ष सामने आएंगे, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो कि अन्य एयरलाइंस के लिए एक उदाहरण बनेगा।
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इंडिगो के इंटरनल ऑपरेशन में समस्या
राज्यसभा में अपनी टिप्पणी में राम मोहन नायडू ने कहा कि इंडिगो संकट कंपनी के आंतरिक ऑपरेशंस, जैसे क्रू रोस्टरिंग और आंतरिक योजना की समस्याओं के कारण उत्पन्न हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियम लागू किए थे और इंडिगो को इन नियमों से संबंधित कुछ स्पष्टीकरण की आवश्यकता थी, लेकिन इस दौरान कंपनी ने इन समस्याओं का जिक्र नहीं किया था और स्थिति सामान्य बनी हुई थी।
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केंद्रीय मंत्री का बयान
नागर विमानन मंत्री ने कहा कि सरकार ने सभी एयरलाइंस से एफडीटीएल नियमों को सख्ती से लागू करने की बात की थी और इंडिगो के साथ भी 1 दिसंबर 2025 को इस बारे में चर्चा हुई थी। सरकार इस मामले को पूरी गंभीरता से देख रही है और भविष्य में इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
