IndiGo Crisis: पिछले एक हफ्ते से इंडिगो एयरलाइंस के ऑपरेशनल संकट ने पूरे देश को प्रभावित किया है। हवाई यात्रा करने वाले लाखों लोगों को फ्लाइट कैंसिल और देरी के कारण गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा। प्रतिदिन हजारों फ्लाइट्स कैंसिल होने से एयरपोर्ट पर यात्रियों की भारी भीड़ और अफरा-तफरी देखने को मिली। यह मुद्दा इतना गंभीर हो गया कि संसद में भी इस पर चर्चा हुई। विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर एयरलाइन के खिलाफ जिम्मेदारी नहीं लेने और यात्रियों की परेशानी को नजरअंदाज करने के आरोप लगाए।
IndiGo Crisis: कांग्रेस MP गौरव गोगोई का बयान
इंडिगो संकट पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में लोकसभा और राज्यसभा में सरकार की तरफ से बयान दिए गए, लेकिन सरकार ने जिम्मेदारी एक निजी कंपनी के मालिक पर डाल दी, मानो उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा, “DGCA (डायरेक्टर जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन) का कोई रोल ही नजर नहीं आया। हजारों फ्लाइट कैंसिल हुईं, यात्रियों को एयरपोर्ट पर खराब हालात का सामना करना पड़ा और उनके पैसे भी खर्च हुए। सरकार ने पायलटों के लिए बनाए कानून पर भी यू-टर्न लिया, जिससे न यात्रियों को राहत मिली, न पायलटों को।”
IndiGo Crisis: इंडिगो का ऑपरेशन फिर शुरू
हालांकि आज इंडिगो एयरलाइंस ने लगभग एक हफ्ते बाद अपना ऑपरेशन फिर से शुरू कर दिया। देश भर में सैकड़ों फ्लाइट कैंसिल होने और देरी के कारण एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल था। एयरलाइन ने अब ऑपरेशन स्थिर कर यात्रियों को सेवा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।इंडिगो एयरलाइन के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) पीटर एल्बर्स ने मंगलवार को एक वीडियो बयान में यात्रियों से माफी मांगी। उन्होंने कहा, “इंडिगो अब अपने पैरों पर वापस आ गई है। ऑपरेशन स्थिर है। जब ऑपरेशनल रुकावट बड़ी हुई, तो हमने हजारों यात्रियों को निराश किया। इसके लिए हमें खेद है।”
CEO का बयान और यात्रियों के प्रति जवाबदेही
पीटर एल्बर्स ने कहा कि हवाई यात्रा लोगों की भावनाओं, महत्वाकांक्षाओं और उम्मीदों को जोड़ती है। उन्होंने बताया कि एयरलाइन इस बात को समझती है कि अलग-अलग लोग अलग-अलग कारणों से यात्रा कर रहे थे। उन्होंने यात्रियों से आग्रह किया कि वे एयरलाइन की इस आपातकालीन स्थिति को समझें और भविष्य में बेहतर सेवा की उम्मीद रखें।संसद में हुई चर्चा में यह सवाल उठाया गया कि सरकार ने निजी एयरलाइन पर जिम्मेदारी डालकर अपनी भूमिका निभाई या नहीं। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने न केवल DGCA और पायलटों के हित की अनदेखी की, बल्कि यात्रियों को राहत देने में भी देरी की। इससे स्पष्ट होता है कि इस संकट के दौरान यात्रियों और कर्मचारियों दोनों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए।
आशा की किरण: ऑपरेशन स्थिर हुआ
अंततः इंडिगो एयरलाइंस ने अपने ऑपरेशन को स्थिर कर दिया है और यात्रियों को सेवा देने की प्रक्रिया पुनः शुरू की है। CEO पीटर एल्बर्स का बयान यह दर्शाता है कि एयरलाइन भविष्य में ऐसी आपात स्थितियों से बचने के लिए और अधिक तैयार रहेगी। यात्रियों को उम्मीद है कि अब उन्हें हवाई यात्रा में व्यवधान का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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