IndiGo Crisis: हवाई किराये पर सरकार का फैसला, इंडिगो संकट के चलते टिकट का दाम किया फिक्स

क्या आसमान छूते हवाई टिकटों के दाम से आपको मिली राहत? इंडिगो संकट के कारण बेतहाशा बढ़े किराए पर केंद्र सरकार ने अचानक कौन सा बड़ा फैसला लिया है, और दूरी के हिसाब से अब किस रूट के लिए कितना अधिकतम किराया वसूला जाएगा, जानें सरकार के इस कदम की पूरी डिटेल!

Chandan Das
IndiGo Crisis
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IndiGo Crisis: इंडिगो एयरलाइंस की उड़ानों में हाल की गड़बड़ी का फायदा कुछ अन्य एयरलाइंस उठा रही थीं। देशभर के कई एयरपोर्ट्स पर हजारों यात्री कई दिनों से फंसे हुए हैं। ऐसे में इन एयरलाइंस ने अपने मनमाने तरीके से किराया बढ़ाकर वसूला। रिपोर्ट्स के मुताबिक कई एयरलाइंस ने टिकटों के दाम दो से तीन गुना तक बढ़ा दिए थे। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए डोमेस्टिक उड़ानों के लिए फेयर कैप (किराया सीमा) लागू कर दी है। अब कोई भी एयरलाइन अपनी मर्जी से अधिक किराया वसूल नहीं कर सकेगी।

IndiGo Crisis: फेयर कैप के तहत तय किए गए किराए

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने फेयर कैप के तहत स्पष्ट रूप से बताया है कि कितनी दूरी के लिए अधिकतम किराया कितना हो सकता है। इसके मुताबिक, 500 किलोमीटर तक के सफर के लिए अधिकतम 7,500 रुपए, 500 से 1000 किलोमीटर के लिए 12,000 रुपए, 1000 से 1500 किलोमीटर के लिए 15,000 रुपए और 1500 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपए तक किराया वसूला जा सकता है। इस निर्धारित किराए में यूडीएफ, पीएसएफ और टैक्स शामिल नहीं हैं। मंत्रालय ने यह व्यवस्था तब तक लागू रहने का आदेश दिया है जब तक उड़ानों की स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती।

IndiGo Crisis: एयरलाइंस को दिए गए सख्त निर्देश

मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे फेयर कैप के तहत ही किराया वसूलें। इसके साथ ही मंत्रालय ने रीयल-टाइम डेटा, एयरलाइंस और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स के साथ सक्रिय समन्वय के जरिए किरायों की लगातार निगरानी करने का आदेश दिया है। यदि किसी एयरलाइन ने निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इंडिगो को रिफंड और मिसिंग बैगेज का आदेश

सरकार ने इंडिगो एयरलाइंस को भी विशेष निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कहा गया है कि सभी रिफंड रविवार 8 बजे तक यात्रियों के खाते में वापस किए जाएं। इसके साथ ही मंत्रालय ने आदेश दिया कि 48 घंटे के भीतर सभी मिसिंग बैगेज ढूंढकर यात्रियों के घर तक पहुंचाए जाएं।नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रभावित यात्रियों से किसी प्रकार का रीशेड्यूलिंग शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके लिए इंडिगो को स्पेशल सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इन सेंटर्स के जरिए यात्रियों की समस्याओं को तुरंत हल करने का प्रावधान किया गया है।

सरकार का उद्देश्य यात्रियों को राहत देना

इस पूरे कदम का उद्देश्य यात्रियों को ओवरचार्जिंग और असुविधा से बचाना है। मंत्रालय का कहना है कि इंडिगो और अन्य एयरलाइंस द्वारा उठाए गए इस प्रकार के कदमों से जनता में विश्वास की कमी पैदा होती है। इसलिए सरकार ने फेयर कैप, रिफंड, मिसिंग बैगेज और रीशेड्यूलिंग शुल्क संबंधी निर्देश जारी कर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया है।मंत्रालय की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि एयरलाइंस की गतिविधियों पर निगरानी तब तक जारी रहेगी जब तक सभी उड़ानें नियमित नहीं हो जातीं और यात्रियों की परेशानियों का समाधान नहीं हो जाता। इस कदम से देशभर में हवाई यात्रा में अनुशासन बनाए रखने और यात्रियों को राहत देने की कोशिश की जा रही है।

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