IndusInd Bank Q4 Details: हाल ही में शेयर बाजार में चर्चाओं का केंद्र बने निजी क्षेत्र के बैंक इंडसइंड बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को वित्त वर्ष 2025 की मार्च तिमाही के लिए अपना बिजनेस अपडेट जारी किया है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार को बैंक के शेयरों में बढ़त देखी जा सकती है। हालांकि, शुक्रवार को बैंक का शेयर 3 प्रतिशत की गिरावट के साथ 682 रुपये पर बंद हुआ था, जो निवेशकों के लिए एक चिंता का कारण बन सकता है।
नेट एडवांस में वृद्धि, लेकिन तिमाही आधार पर गिरावट
इंडसइंड बैंक ने अपने बिजनेस अपडेट में बताया कि मार्च तिमाही में उसका नेट एडवांस 1.4 प्रतिशत बढ़कर 3,47,933 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। पिछले साल के इसी समय यानी वित्त वर्ष 2024 की मार्च तिमाही में यह आंकड़ा 3,43,298 करोड़ रुपये था। हालांकि, तिमाही-दर-तिमाही आधार पर शुद्ध अग्रिम में 5.2 प्रतिशत की गिरावट आई, क्योंकि दिसंबर तिमाही में यह 3,66,889 करोड़ रुपये था।
जमा में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि
बैंक ने यह भी बताया कि मार्च तिमाही में उसे 4,11,140 करोड़ रुपये का जमा प्राप्त हुआ, जो सालाना आधार पर 6.8 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। वर्ष 2024 की मार्च तिमाही में जमा 3,84,793 करोड़ रुपये था, जबकि दिसंबर तिमाही में यह आंकड़ा 4,09,554 करोड़ रुपये था। हालांकि, बैंक का CASA अनुपात मार्च तिमाही में 32.8 प्रतिशत रहा, जो कि दिसंबर तिमाही में 34.9 प्रतिशत था। एक साल पहले, यानी वित्त वर्ष 2024 की मार्च तिमाही में यह 37.9 प्रतिशत था।
फॉरेक्स डेरिवेटिव में अनियमितताएं और शेयरों की बिकवाली
इंडसइंड बैंक हाल ही में अपने फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अनियमितताओं के कारण सुर्खियों में था। इस वजह से बैंक के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई और निवेशकों ने बैंक के शेयर से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। पिछले 3 महीनों में बैंक के शेयर में 31 प्रतिशत की गिरावट आई है, और पिछले 1 महीने में शेयर की कीमत में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, पिछले एक सप्ताह में बैंक के शेयर ने 4 प्रतिशत का सकारात्मक रिटर्न भी दिया है, जो निवेशकों को थोड़ी राहत दे सकता है।
इंडसइंड बैंक का प्रदर्शन और भविष्य के संकेत
इंडसइंड बैंक के इस अपडेट से यह स्पष्ट होता है कि बैंक के पास लंबी अवधि के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े हैं, लेकिन फॉरेक्स डेरिवेटिव में अनियमितताएं और शेयरों में भारी गिरावट इसके लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती हैं। निवेशकों को इन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए अपनी निवेश रणनीतियों पर पुनः विचार करना होगा।