Instagram Reels: आज के इस डिजिटल युग में शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म्स जैसे TikTok, Instagram Reels और YouTube Shorts काफी पसंद किया जा रहा है। कुछ सेकेंड के इन मनोरंजक वीडियों को देखने में लोग कई घंटे बिता देते हैं। लेकिन ये आदत आपके दिमाग और फैसले करने की क्षमता पर बुरा असर डालती है।
Tianjin Normal University (चीन) के प्रोफेसर क्यांग वांग और उनकी टीम द्वारा की गई एक रिसर्च में सामने आया है कि शॉर्ट वीडियो की लत व्यक्ति के दिमाग में ‘लॉस एवर्जन’ यानी नुकसान से बचने की प्राकृतिम प्रवृत्ति को कमजोर करती है, जो कि जर्नल NeuroImage में प्रकाशित हुई है।
रिसर्च की मानें तो जो लोग TikTok या Reels पर अपना ज्यादा वक्त गुजारते हैं वे सोच समझकर फैसले लेने की प्रक्रिया में कमजोर पड़ने लगते हैं। ऐसे लोग जोखिम भरे फैसले लेने में भी हिचकिचाते नहीं, चाहे नुकसान की संभावना अधिक क्यों न हो।
“इंस्टेंट रिवॉर्ड सिस्टम”

रिसर्च से सामने आया की शॉर्ट वीडियो का सबसे बड़ा आकर्षण “इंस्टेंट रिवॉर्ड सिस्टम” है। एक के बाद एक वीडियो को देखने से यूज़र के दिमाग में डोपामिन का स्तर बढ़ता चला जाता है जिससे व्यक्ति को तुरंत मज़ा तो मिलता है मगर वह धीमे और गहराई से मिलने वाले सुखों की आदत को खो देता है। जिसका असर यह होता है कि व्यक्ति अपने जीवन के अहम फैसले भी बिना पर्याप्त विचार के ले लेता है यह आदत केवल दिमाग तक सीमित नहीं रहती, बल्कि नींद, ध्यान, मानसिक स्वास्थ्य और दिनचर्या को भी प्रभावित करता है।
मानसिक तनाव और डिजिटल थकान
ज्यादा वक्त तक स्क्रीन देखने के चलते कई यूज़र्स को अनिद्रा, फोकस की कमी, एंग्ज़ायटी, डिप्रेशन और आत्मविश्वास में गिरावट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रिसर्च के मुताबिक चीन में औसतन एक व्यक्ति 151 मिनट प्रतिदिन शॉर्ट वीडियो पर खर्च करता है, और करीब 95% इंटरनेट यूज़र्स किसी न किसी रूप में इससे जुड़े रहते हैं।
शॉर्ट वीडियो की लत को वैज्ञानिकों ने जुए और नशे की लत से तुलना की है, क्योंकि सभी में एक समान आदत होती है, तत्काल आनंद की तलाश और भविष्य के नुकसान की अनदेखी है।


