BJP Internal Clash: बीजेपी में आंतरिक घमासान, राजीव प्रताप रूडी का अपने ही सांसद निशिकांत दुबे पर सीधा हमला

Chandan Das
huyu

BJP Internal Clash: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भीतर जारी सियासी उठापटक अब सार्वजनिक टकराव में बदलती नजर आ रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने अपने ही सहयोगी सांसद निशिकांत दुबे पर तीखा हमला बोला है। रूडी ने दुबे को ‘अहंकारी’ बताते हुए कहा कि वे संसद में एक अलग ‘सरकार’ चलाते हैं, जिसका उनसे कोई लेना-देना नहीं है।

संसद में ‘शो’ चलाते हैं दुबे: रूडी

राजीव प्रताप रूडी ने एक वीडियो इंटरव्यू में कहा “वो (निशिकांत दुबे) संसद में शो चलाते हैं। उन्होंने सरकार से इतर अपनी अलग सरकार बना रखी है और मैं उनकी उस सरकार का हिस्सा नहीं हूं।” रूडी का यह बयान तब आया जब उनसे दिल्ली कांस्टीट्यूशन क्लब चुनाव और पार्टी की आंतरिक राजनीति पर सवाल पूछे गए। उन्होंने खुलासा किया कि निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ चुनावी प्रचार किया और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि वे चुनाव में न जीत पाएं।

चुनाव में हार के पीछे दुबे का षड्यंत्र?

रूडी ने आरोप लगाया कि कांस्टीट्यूशन क्लब के चुनाव में उनके खिलाफ माहौल तैयार करने की पूरी रणनीति के पीछे दुबे का ही हाथ था। उन्होंने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व — अमित शाह और जेपी नड्डा — ने उन्हें समर्थन दिया था, फिर भी दुबे ने विरोध में मोर्चा खोला। रूडी का यह बयान साफ संकेत देता है कि पार्टी में व्यक्तिगत टकराव अब संगठनात्मक स्तर पर असर डाल रहे हैं। यह बीजेपी के लिए एक असहज स्थिति है, जो आमतौर पर अनुशासन और संगठनात्मक एकता के लिए जानी जाती है।

बीजेपी में बढ़ती खेमेबाजी का संकेत

राजीव प्रताप रूडी और निशिकांत दुबे, दोनों ही दिग्गज नेता हैं और पार्टी के भीतर मजबूत पकड़ रखते हैं। लेकिन यह टकराव दर्शाता है कि झारखंड और दिल्ली की राजनीति में खेमेबाजी की लहर अब खुलकर सामने आ रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद अगर और गहराया, तो 2025 के अंत में होने वाले राज्य चुनावों और 2026 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की एकजुटता पर सवाल उठ सकते हैं।

क्या कहेंगे निशिकांत दुबे?

निशिकांत दुबे अपनी बेबाकी और तीखे जवाबों के लिए मशहूर हैं। अभी तक उन्होंने इस पूरे विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वे जल्द ही जवाबी हमला कर सकते हैं। ऐसे में आने वाले दिन बीजेपी नेतृत्व के लिए परेशानी भरे हो सकते हैं, क्योंकि पार्टी इस समय लोकसभा चुनाव 2026 की तैयारियों में जुटी है।

राजीव प्रताप रूडी का यह बयान बीजेपी के भीतर असंतोष की एक नई दरार को उजागर करता है। पार्टी नेतृत्व को अब इस विवाद पर त्वरित और प्रभावी हस्तक्षेप करना होगा, ताकि अनुशासन और एकता का संदेश बरकरार रखा जा सके।

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