International Yoga Day 2025: योग केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर नहीं, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए एक स्वस्थ्य जीवनशैली की चाबी बन चुका है। यह न सिर्फ शरीर को सुदृढ़ और लचीला बनाता है, बल्कि मानसिक तनाव, चिंता और असंतुलन को भी कम करता है। भारत में योग का इतिहास हजारों साल पुराना है और अब पूरी दुनिया इसकी महत्ता को स्वीकार कर चुकी है।
बता दें कि हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग योग के लाभों से अवगत हो सकें। ये दिन विशेष रूप से योग के महत्व को पहचानने और उसे जन जन तक पहुंचाने के लिए समर्पित है।
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‘योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’

इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2025 को मनाया जा रहा है और इसकी थीम है – ‘योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ यानी ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’। ये थीम संदेश देती है कि मानव का स्वास्थ्य और प्रकृति का संतुलन एक दूसरे से गहराई से जुड़े हैं। यह भारत की “वसुधैव कुटुंबकम” की अवधारणा को भी दर्शाता है– “संपूर्ण विश्व एक परिवार है।”
आपको बता दें कि यह 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस होगा, जिसे विशेष बनाने के लिए सरकार ने 10 प्रमुख कार्यक्रमों की घोषणा की है।
जानें योग दिवस के 10 प्रमुख आयोजन
योग संगम: 1 लाख स्थानों पर सामूहिक योग
योग बंधन: समाज में योग से जुड़ाव
योग पार्क: सार्वजनिक स्थानों पर योग केंद्र
योग समावेश: सभी वर्गों को जोड़ने वाली पहल
योग प्रभाव: योग के सकारात्मक असर पर चर्चा
योग कनेक्ट: डिजिटल माध्यमों से योग प्रसार
हरित योग: पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा
योग अनप्लग्ड: डिजिटल डिटॉक्स के साथ ध्यान
योग महाकुंभ: विशाल जन-भागीदारी वाले आयोजन
संयोग: योग को कलाओं व परंपराओं से जोड़ना
कैसे बना अंतरराष्ट्रीय योग दिवस?
पीएम मोदी ने साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग की वैश्विक मान्यता के लिए प्रस्ताव रखा। 11 दिसंबर 2014 को यह प्रस्ताव पारित हो गया और 21 जून को योग दिवस घोषित किया गया। 21 जून को इसलिए चुना गया क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन होता है और इसे आध्यात्मिक नजरिएं से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
पहली बार योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था, जब दिल्ली में ओयाजित कार्यक्रम में 35,985 लोगों ने एक साथ योग किया और देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। यह आयोजन दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का हिस्सा भी बना।
प्रधानमंत्री का संदेश
पीएम मोदी ने कहा था, “योग हमारे प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है। यह शरीर और मन, विचार और कर्म, आत्मा और ब्रह्मांड के बीच एकता का प्रतीक है। यह केवल व्यायाम नहीं, बल्कि आत्म-ज्ञान, समाज और प्रकृति के साथ समन्वय का माध्यम है।”
योग से होने वाले लाभ
आज की व्यसत जीवनशैली में नींद की कमी, तनाव, चिंता और पीठ दर्द जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। ऐसे में योग इन परेशानियों से राहत दिलाने में सहायता करता है। प्राणायाम और ध्यान मानसिक शांति प्रदान करता है, वहीं आसन शरीर को मजबूती और लचीलापन देता है।
इसके अलावा विद्यार्थियों के लिए योग फोकस बढ़ाने, याददाश्त सुधारने, अच्छी नींद पाने और सही पॉश्वर बनाए रखने में लाभकारी होता है।

