IPS Puran Kumar Suicide: एडीजीपी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या को 9 दिन पूरे हो चुके हैं , लेकिन इसके बावजूद अभी तक इसकी गुत्थी सुलझी नहीं है और आरोपित अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस बात को लेकर भारत मुक्ति मोर्चा ने गहरी चिंता व्यक्त की और मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच की मांग की है।
राष्ट्रपति से न्याय की अपील
आज यानी बुधवार को शहर में प्रदर्शन करते हुए मोर्चा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन भेजा। जिसमें इन्होंने मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच और आरोपित अधिकारियों की तुरंत मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश दहिया ने किया।
कार्रवाई की मांग
प्रदर्शन के दौरान मोर्चा के सदस्यों ने ASI संदीप लाठर आत्महत्या मामले की निष्पक्ष जांच और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग उठाई। यह दर्शाता है कि मोर्चा लगातार पुलिस विभाग में व्याप्त उत्पीड़न और अनुचित कार्यप्रणाली पर निगरानी रख रहा है।
आत्महत्या की अंतिम कड़ी
आपको बता दें कि, रमेश दहिया ने बताया कि आत्महत्या से एक दिन पहले यानी 6 अक्टूबर को एडीजीपी वाई. पूरन कुमार के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया था। मोर्चा ने इसे उत्पीड़न की अंतिम कड़ी बताया, जिससे अधिकारी मानसिक और शारीरिक रूप से बेहद परेशान थे।
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अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मोर्चा ने कहा कि नौ दिन बीत जाने के बावजूद प्रदेश सरकार ने अब तक किसी आरोपी अधिकारी के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने विशेष रूप से SP रोहतक नरेंद्र बिजारणियां और DGP शत्रुजीत कपूर को तुरंत बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांग की, ताकि वे गवाहों को प्रभावित न कर सकें और जांच निष्पक्ष रूप से आगे बढ़ सके।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में सदस्य शामिल
प्रदर्शन में मोर्चा के कई सदस्यों ने हिस्सा लिया। इनमें दीपक सांगा, विजय सांगा, उमेद सिंह, डा. पवन, सुरेंद्र भोला, सुनीता, जयकुमार, सुभाष, सोनिया, गुड्डी, सरोज, विजय, कृष्ण कुमार, राजीव कुमार, धर्मबीर सांगा, नरेश सांगा, प्रदीप सांगा, सोनू, बलजीत, मंजू, उषा, सुषमा, रामकुमार, सवील चौपड़ा, सतेंद्र पपोसा, रामपाल मेहरा, संजीव उमरावत, मनोज उमरावत, शशीकांत शामिल रहे।

