Iran-Israel Conflict: कूटनीतिक प्रयास विफल; इजरायली सेना का इस्फहान परमाणु परिसर पर हमला, ईरान का वार्ता से इनकार

Aanchal Singh
Iran-Israel Conflict
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Iran-Israel Conflict: ईरान और इजराइल के बीच छिड़ी जंग में एक सप्ताह से अधिक का समय बीत गया है लेकिन दोनों देशों की ओर से अबतक युद्धविराम को लेकर कोई बातचीत होती नहीं दिखाई दे रही है।इस बीच ईरान-इजराइल में दूसरे सप्ताह भी हवाई हमले जारी हैं कूटनीतिक प्रयासों के बाद भी दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।इससे पहले जिनेवा में भी संघर्ष कम करने के प्रयास निरर्थक साबित हुए,जहां शीर्ष यूरोपीय राजनयिकों ने अपने ईरानी समकक्ष से मुलाकात की,विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा,इजराइली हमलों के बीच ईरान अमरीका के साथ दोबारा बातचीत नहीं करेगा।

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ईरान-इजराइल के बीच युद्ध में बढ़ा तनाव

ईरान के खिलाफ इजराइल के सैन्य अभियान को तेज करने से क्षेत्र में तनाव बढ़ता जा रहा है।रिपोर्ट्स के अनुसार,शनिवार को इजराइली सेना ने ईरान के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र,मध्य ईरान में इस्फ़हान परमाणु अनुसंधान परिसर को निशाना बनाया।लेकिन किसी भी तरह के खतरनाक पदार्थों के रिसाव की सूचना नहीं है।हालांकि,अधिकारियों ने निवासियों से एहतियात के तौर पर उस क्षेत्र से दूर रहने का आग्रह किया है।

दोनों देशों के बीच युद्ध विराम की संभावना नहीं

सरकारी मीडिया के अनुसार,ईरानी शहर कोम में एक आवासीय इमारत पर सीधे हमले में दो लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। इजराइली रक्षा बलों का कहना है कि,नवीनतम हमलों में ईरानी मिसाइल भंडारण और प्रक्षेपण स्थलों को निशाना बनाया गया।यह ईरान द्वारा मध्य इजराइल की ओर मिसाइलें दागे जाने के बाद हुआ है,जिसमें तेल अवीव के पास विस्फोटों की आवाज सुनी गई।एक वीडियो संबोधन में,इजराइल के चीफ ऑफ द जनरल स्टाफ,इयाल जमीर ने चेतावनी दी कि,देश को ईरान के खिलाफ “लंबे समय तक चलने वाले अभियान” के लिए तैयार रहना चाहिए।इससे संकेत मिलता है यह संघर्ष लम्बे समय तक चल सकता है।

अमेरिका ने खुफिया निदेशक की सूचना को किया खारिज

तेहरान के परमाणु प्रयासों के बारे में अमेरिकी प्रशासन के भीतर गहरे विभाजन के उजागर होने से इजराइल और ईरान युद्ध को रोकने के कूटनीतिक प्रयासों को झटका लगा है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मार्च में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड द्वारा कांग्रेस को दिए गए सबूतों को खुले तौर पर खारिज कर दिया,जिसके अनुसार ईरान सक्रिय रूप से परमाणु हथियार बनाने में शामिल नहीं था जबकि इजरायल का दावा था कि ईरान परमाणु बम बनाने की होड़ में है।

ट्रम्प का दावा,’तुलसी गबार्ड ने गलत जानकारी साझा की’

पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने दावा किया कि,गबार्ड ‘गलत’ थीं। उन्होंने खुफिया समुदाय पर ईरान की क्षमताओं को कम आंकने का आरोप लगाया।ट्रम्प की टिप्पणियों के दो घंटे से भी कम समय के भीतर गबार्ड ने यू-टर्न ले लिया। सोशल मीडिया पर एक बयान में तुलसी गबार्ड ने कहा,वह भी राष्ट्रपति का समर्थन करती हैं।

हमले के बीच शांति वार्ता संभव नहीं-ईरान

57 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन ने शनिवार को इस्तांबुल में एक बैठक की।इसमें ईरान के विदेश मंत्री उपस्थित थे।जिनेवा में ईरान और ब्रिटेन,फ्रांस और जर्मनी के बीच वार्ता विफल हो गई।तेहरान ने यह स्पष्ट कर दिया कि,इजराइल के हमलों के सामने उसके परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत आगे नहीं बढ़ सकती।

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