IRCTC Scam : आईआरसीटीसी (IRCTC) घोटाले में पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे व बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट ने तीनों को 13 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का सख्त आदेश दिया है। इस दिन इस बहुचर्चित मामले में आरोप तय किए जाएंगे।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) के तहत रांची और पुरी स्थित दो बीएनआर (BNR) होटलों के रखरखाव और संचालन का ठेका नियमों को दरकिनार करते हुए निजी कंपनी को सौंपा।
सीबीआई (CBI) के मुताबिक, यह ठेका एक ऐसी कंपनी को दिया गया, जो लालू परिवार से जुड़ी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के इरादे से चुनी गई थी। बदले में उस कंपनी ने पटना स्थित प्रमुख लोकेशनों पर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम पर जमीन ट्रांसफर की। सीबीआई ने 2017 में इस घोटाले की जांच शुरू की और 2018 में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की।
क्या कहती है अदालत?
राउज एवेन्यू कोर्ट ने सभी आरोपियों को 13 अक्टूबर 2025 को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है। इस दिन अदालत यह तय करेगी कि किस आधार पर आरोप तय किए जाएं। मामले में सभी आरोपियों की ओर से दलील दी गई है कि सीबीआई के पास आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं, और यह मामला राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है। लेकिन अदालत ने सीबीआई की रिपोर्ट और सबूतों के आधार पर आरोप तय करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई है।
क्यों है यह मामला अहम?
यह केस सिर्फ लालू यादव और उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि विपक्षी राजनीति के लिए भी बेहद संवेदनशील माना जा रहा है। एक ओर जहां राजद इस मामले को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, वहीं भाजपा और अन्य विपक्षी दल इसे भ्रष्टाचार का उदाहरण बताते रहे हैं।अगर 13 अक्टूबर को आरोप तय होते हैं, तो लालू परिवार के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई शुरू हो जाएगी, जो तेजस्वी यादव की राजनीतिक छवि और बिहार की राजनीति पर गहरा असर डाल सकती है।
IRCTC घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को अब 13 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना ही होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस हाई-प्रोफाइल केस में आगे क्या रुख अपनाया जाता है और क्या आरोप तय होते हैं या नहीं।
